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50 लाख की आबादी पर दो फॉगिंग मशीन, कैसे हो समय से फॉगिंग

जिले में डेंगू के 23 मरीज चिन्हित, 14 मरीजों के घर पर ही हुआ है फॉगिंग

जिले में डेंगू के 23 मरीज चिन्हित, 14 मरीजों के घर पर ही हुआ है फॉगिंग स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, रैपिड रिस्पांस टीम के साथ अस्पतालों में बनाया गया है डेंगू वार्ड मधुबनी . जिले में डेंगू मरीजों के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. आंकड़े पर गौर करें तो एक से 4 अक्टूबर तक डेंगू के 9 मरीजों को चिन्हित किया गया है. जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 23 हो गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों में 17 एवं नगर निगम क्षेत्र में 6 मरीजों को चिन्हित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग डेंगू मरीजों की बढ़ोतरी होने से अलर्ट मोड में आ गया है. लेकिन विडंबना यह है कि 50 लाख आवादी के लिए जिला मलेरिया कार्यालय के पास महज दो फॉगिंग मशीन उपलब्ध है. ऐसे में डेंगू मरीजों के घर के आस-पास समय से फॉगिंग कराना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. आंकड़े के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में चिन्हित 6 मरीजों में से महज 2 मरीजों के घर ही फॉगिंग कराया गया है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के 17 मरीजों में से महज 12 मरीजों के घर पर ही फॉगिंग कराया जा सका है. वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र में 4 व ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेंगू मरीजों के घर फागिंग नहीं करया गया है. इस संबंध में डीवीबीडीसीओ डा. डीएस सिंह ने कहा कि फॉगिंग मशीन की आपूर्ति के लिए वरीय पदाधिकारियों को पत्र भेजा गया है. वर्तमान में दो मशीन कै सहारे फॉगिंग कराया जा रहा है. डेंगू के 23 मरीज चिन्हित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 22 अगस्त को 2 मरीज, 27 अगस्त को 1, 1 सितंबर को 1, 11 सितंबर को 1, 14 सितंबर को 1, 16 सितंबर को 1, 18 सितंबर को 1,19 सितंबर को 1, 20 सितंबर को 1, 23 सितंबर को 1, 27 सितम्बर को 2 एवं 1 अक्टूबर को 3 मरीज, 2 अक्टूबर को 2, 3 अक्टूबर को 2 तथा 4 अक्टूबर को 2 डेंगू मरीज चिन्हित किया गया है. क्षेत्रों में रखी जा रही नजर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. दया शंकर सिंह ने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए डीएम के निर्देश पर क्षेत्र में पैनी नजर रखी जा रही है. केटीएस वीबीडीएस, बीएचडब्ल्यू एवं बीएचआई द्वारा अपने-अपने आवंटित क्षेत्र में लोगों को डेंगू से संबंधित रोग के कारण एवं उससे बचने के उपाय का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जा रहा है. पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर मरीज का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है. पॉजिटिव मरीज के गांव में उनके घर से 500 मीटर रेडियस में टेक्निकल मेलाथियान से फागिंग कराया जा रहा है. साथ ही लार्विसाइडल टेमीफास का छिड़काव किया जा रहा है. डेंगू एवं चिकनगुनिया के रोग, कारण, उपचार एवं सावधानी के बारे में जानकारी के लिए जिले के 50 सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया है. इसके अलावे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल जमाव एवं गंदगी वाले क्षेत्रों मे एंटी लार्विसाइडल टेमीफास का छिड़काव कराया जा रहा है. यह अभियान ठंड के मौसम आने तक जारी रहेगा. रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया जैसे गंभीर रोग से निपटने के लिए जिले में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है. जिला से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूक करने व इलाज की सटीक जानकारी देने के साथ आपातकालीन स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी इस टीम को दी गयी है. डेंगू के मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में मरीज के लिए सदर अस्पताल में 8 बेड, अनुमंडलीय अस्पतालों में 4-4 बेड व प्रत्येक सीएचसी एवं पीएचसी में 2-2 बेड आरक्षित किया गया है.

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