मधुबनी. पुरुष नसबंदी के बाद शारीरिक कमजोरी होती है और इसके बाद पहले की तुलना में यौन कमजोरी भी आ जाती है, ऐसी सामाजिक मान्यता और भ्रांतियों के कारण पुरुष नसबंदी अपनाने मैं हिचकिचाते हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है. अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार, पुरुष नसबंदी की तुलना में महिला बंध्याकरण नसबंदी 20 गुणा अधिक जटिलता से भरा होता है. पुरुष नसबंदी की तुलना में महिला बंध्याकरण के फेल होने की संभावना भी 10 गुणा अधिक होती है. साथ ही पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में 3 गुणा कम महंगा होता है. सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ पुरुषों की सामान भागीदारी आवश्यक है. पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान है. महिला बंध्याकरण की तुलना में पुरुष नसबंदी कराने पर अधिक राशि दी जाती है. पुरुष नसबंदी अपनाने पर लाभार्थी को 3000 रुपये की राशि देने का प्रावधान है.
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