मधुबनी . जिला मुख्यालय होने के बावजूद शहर की व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही चल रही है. नगर पंचायत से लेकर नगर निगम तक का सफर जिला मुख्यालय ने देखा. लेकिन इसकी सूरत आज भी नहीं बदली. पुराना शहर होने के बावजूद शहर में कुछ बदलाव नहीं हुआ. सिर्फ सरकारी भवन, सरकारी व्यवस्था में बदलाव देखने को मिल रहा है. शहर की आबादी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. लेकिन आबादी के हिसाब से सुविधा की व्यवस्था की चिंता किसी जिम्मेदार को नहीं रही. शहर में अच्छे-अच्छे रेस्टोरेंट, होटल, मॉल तो खुल गए, लेकिन सड़क पर दुकान सजाकर बेचने वाले फुटकर विक्रेताओं की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. शहरवासियों को ताजी सब्जी मुहैया कराने वाले दूर-दराज के गांव से आकर फुटपाथ पर सड़क किनारे धूप, बारिश में अपनी दुकान लगाते हैं. लेकिन प्रशासन द्वारा उनके लिए स्थायी दुकान की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. शहर के गिलेशन बाजार, शंकर चौक, रेलवे स्टेशन चौक, कोतवाली चौक, आदर्श नगर चौक, सूड़ी स्कूल चौक व अन्य जगहों पर फुटकर विक्रेता अपनी दुकान लगाते हैं. लेकिन इस पर प्रशासन की नजर नहीं पड़ती है.
शहर की मुख्य सब्जी मंडी में नहीं है सुविधा
शहरी क्षेत्र में नीलम चौक से सुभाष चौक तक सब्जी मंडी सड़क के दोनों किनारे दुकानें सजती है. जहां थौक से लेकर खुदरा सब्जियों की बिक्री होती है. अहले सुबह से ही लोग सब्जी की दुकान लगाते हैं. जिसके कारण दिनभर जाम लगा रहता है. जो धीरे-धीरे एक जटिल समस्या बन गयी है. पुराना शहर होने के बावजूद आज तक सब्जी मंडी की समस्या को प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा अनदेखी किया जाता रहा है. इस सब्जी मंडी में दूर-दराज के फुटकर सब्जी व फल विक्रेता आकर खरीदारी करते हैं. जिसके कारण दिनभर जाम लगा रहता है.
शहर को चाहिए बड़े स्तर की सब्जी मंडी
जिला मुख्यालय होने के कारण दूर दराज से व्यापारी यहां खरीदारी करने के लिए आते हैं. लेकिन यहां उस स्तर का सब्जी मंडी नहीं है. शहर को बड़े स्तर का अब सब्जी मंडी चाहिए. जहां सारी सुविधाएं उपलब्ध हो. सब्जी मंडी में पार्किंग की व्यवस्था हो. जहां थोक व्यापारी का भारी वाहन खड़ा हो सके. ग्राहक भी अपने वाहन को पार्क कर खरीदारी कर सकें. जिससे शहर में जाम की समस्या नहीं होगी. लोगों के लिए शौचालय, पेयजल की व्यवस्था हो. पुराने सब्जी मंडी में कोई सुविधा नहीं होने के कारण लोग सब्जी मंडी की और जाना नहीं चाहते हैं. जिसके कारण लोग सड़क किनारे फुटपाथ पर खरीदारी करना पसंद करते हैं. जिससे जाम की समस्या बनी रहती है.
धूल फांक रही है योजना
शहर के गिलेशन बाजार में करीब 200 वेडरों के लिए स्थाई वेंडिंग जोन बनाए जाने का मामला फिर से पेंच फंस गया है. फरवरी माह में ही संवेदक को वर्क आर्डर दिया गया था. लेकिन जगह नहीं मिलने के कारण काम शुरू नहीं हुआ. बताया गया है कि प्रस्तावित स्थल पर खाली जमीन नहीं मिलने के कारण समस्या हुई है. विदित हो कि गिलेशन बजार में 1 करोड़ 2 लाख 95 हजार 730 रुपए खर्च कर वेडिंग जोन का निर्माण कार्य किया जाना था. जिसमें विभाग की ओर से वर्ष 2023 में पहले फेज के तहत 54 लाख रुपए का आवंटन भी कर दिया गया था. गिलेशन बाजार से स्थाई निर्माण नहीं हटाए जाने के कारण इसके निर्माण कार्य पर संकट के बादल मंडराने लगा है. पहले प्राक्कलन में तकनीकी पेंच फंसने के कारण कार्य बाधित हुआ था. प्राक्कलन की प्रशासनिक स्वोकृति मिलने के बाद इसमें अधीक्षण अभियंता की लापरवाही सामने आई थी.
क्या कहते हैं अधिकारी
सिटी मैनजर राजमणि कुमार ने कहा है कि शहर के गिलेशन बाजार में वेंडिंग जोन निर्माण की योजना है. शीघ्र इसका निर्माण कार्य किया जाएगा. जहां सब्जी बिक्रेताओं को सभी सुविधा मिलेगी.
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