Madhubani News. दो माह गुजरने के बावजूद नहीं शुरू हुआ वेंडिंग जोन का निर्माण

दो माह बाद भी गिलेशन बाजार में वेंडिंग जोन निर्माण के लिए बनायी गयी कमिटी को भूमि की उपलब्धता संबंधी प्रतिवेदन नहीं मिला है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 10, 2024 10:20 PM

Madhubani News. मधुबनी. दो माह बाद भी गिलेशन बाजार में वेंडिंग जोन निर्माण के लिए बनायी गयी कमिटी को भूमि की उपलब्धता संबंधी प्रतिवेदन नहीं मिला है. जिससे गिलेशन बाजार में वेंडिंग जोन का निर्माण अधर में लटका हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार कमेटी में इस बात को लेकर नाराजगी है कि उसे सशक्त स्थायी समिति के निर्णय के आलोक में कमेटी गठन को लेकर कोई पत्र ही नहीं प्राप्त हुआ है. कमेटी के सदस्य व पदाधिकारी को कार्यालय से मनोनयन पत्र प्राप्त होने और कार्यो के लिए संसाधन व कर्मी की उपलब्धता के बाद ही कार्य शुरू होना संभव है. लेकिन करीब दो माह बीत जाने के बाद भी इस दिशा में पहल नहीं हुई है. इस कमेटी में डिप्टी मेयर अमानुल्लाह खान, पार्षद मनीष कुमार सिंह, सशक्त स्थायी समिति सदस्य कैलास सहनी, पार्षद बद्री राय, अरुण प्रसाद व अरुण कुमार को शामिल किया गया है. डिप्टी मेयर अमानुल्लाह खान ने कहा है कि भूमि की उपलब्धता को लेकर गठित कमेटी के कार्यो की रुपरेखा, कमेटी गठन व सदस्यों की प्रतिनियुक्ति पत्र और कर्मी अभी तक नहीं उपलब्ध कराया गया है. कहा कि इस संबंध में शीघ्र ही विमर्श किया जायेगा. वेंडिंग जोन के लिए पांच सालों से चल रहा पहल गिलेशन में वेंडिंग जोन निर्माण के लिए वर्ष 2019 से ही पहल की जा रही है. शीघ्र निर्माण की उम्मीद में यहां पर पहले से बने कंस्ट्रक्शन को ध्वस्त कर दिया गया. सब्जी मंडी पूरी तरह से खुले आसमान के नीचे आ गया. पॉलीथिन टांग कर वेंडरों को रहने को विवश हैं. लेकिन इसके निर्माण के लिए भूमि चिन्हित करने का काम भी अभी तक पूरा नहीं हो सका है. जबकि विभाग ने इसके लिए राशि भी आवंटित कर दी गयी है. वेंडिंग जोन के निर्माण के बाद लोगों को दुकान आवंटित कर दिया जायेगा. शहर में नहीं है वेडिंग जोन शहरी क्षेत्र में एक भी वेंडिंग जोन नहीं है. इसकी मांग भी लंबे समय से की जाती रही है. छह स्थानों पर वेंडिंग जोन का बोर्ड लगाया गया. लेकिन वेंडिंग जोन नहीं बनाया जा सका है. निर्माण को लेकर कई व्यवसायी सहित फुटपाथ विक्रेता महासंघ के महासचिव राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि निगम कार्यालय व जिला प्रशासन को आवेदन देकर थक चुका हूं.

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