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जयनगर में एसएसबी मुख्यालय के लिए जमीन सीमांकन का ग्रामीणों का विरोध,सुबह से शाम तक होता रहा सड़क जाम

जयनगर के दुल्लीपट्टी गांव में 48वीं बटालियन एसएसबी के लिए प्रस्तावित एसएसबी मुख्यालय के निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन का सीमांकन करने पहुंचे जवानों का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. लोगों ने नारेबाजी कर प्रशासन की कार्यशैली पर आपत्ति जतायी.

जयनगर के दुल्लीपट्टी गांव में 48वीं बटालियन एसएसबी के लिए प्रस्तावित एसएसबी मुख्यालय के निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन का सीमांकन करने पहुंचे जवानों का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. लोगों ने नारेबाजी कर प्रशासन की कार्यशैली पर आपत्ति जतायी. इस दौरान जवानों व ग्रामीणों के बीच गहमागहमी का माहौल बना रहा. रह-रह कर ग्रामीण एनएच 104 को दुल्लीपट्टी में जाम कर दे रहे थे.

किसानों की सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू

किसानों का कहना था कि सरकार ने जिस जमीन का अधिग्रहण किया है, वह बहुफसली जमीन है. इसी जमीन से उनके परिवार का भरण पोषण होता है. बिना किसानों की सहमति के जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी. सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण प्राधिकार दरभंगा प्रमंडल में किसानों द्वारा भूमि अधिग्रहण का विरोध किए जाने की लेकर परिवारवाद दायर किया गया है. जिसका फैसला आए बिना सीमांकन कराने का निर्देश निर्गत कर दिया जाना किसानों के साथ अन्याय है.

जवानों व किसानों के बीच ठेलम ठेल होती रही

एनएच 104 के समीप प्रस्तावित 75 एकड़ रैयती जमीन में 71.3 एकड़ जमीन अधिग्रहण को लेकर एसएसबी प्रशासन द्वारा सीमांकन व भौतिक दखल कब्जा शनिवार को होना था. सुबह से ही एसएसबी के अधिकारी व जवान अमीन को लेकर सीमांकन के लिए मापी का काम कर रहे थे. बड़ी संख्या में एसएसबी जवानों पुलिस प्रशासन पुलिस बल समेत अन्य पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी थी. इस बात की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को हुई, सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच कर सीमांकन कार्य का विरोध किया. इसे रोकने की कोशिश की. लगातार जवानों व किसानों के बीच ठेलम ठेल होती रही.

विवाद, हंगामा और विरोध में तब्दील हो गया

एसएसबी के जवानों पुलिस प्रशासन समेत तैनात पदाधिकारियों पुलिस बल ने एक न सुनी और एसएसबी प्रशासन के साथ किसानों का विवाद बढ़ता चला गया. सीमांकन का कार्य नहीं रुका. इसके बाद विवाद, हंगामा और विरोध में तब्दील हो गया. ग्रमीणों के द्वारा जमकर हंगामा किया गया. एसएसबी और प्रशासन के साथ कहा सुनी होने लगी. सड़क पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई और एनएच सड़क जाम हो गया. वाहनों की लंबी कतारें लग गयी. किसान प्रशासन एसएसबी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. किसान प्रशासन को खेत जमीन मुआवजे पूर्व में दिये गए आवेदन, न्यायालय में मामला लंबित समेत अन्य संबंधित कागजातों को लेकर सड़क पर और खेत जमीन के आसपास इधर उधर भटक रहे थे.

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किसानों से एसडीएम ने की वार्ता

जानकारी होने पर एसडीएम बेबी कुमारी, डीएसपी विप्लव कुमार पुलिस प्रशासन की टीम के साथ सीमांकन स्थल पर पहुंचे. प्रशासन के अधिकारियों के आने के बाद किसान और ग्रामीण अनुमंडल प्रशासन से वार्ता और अपनी मांगों को लेकर सीमांकन का कार्य रोकने को लेकर पहुंचे. भू स्वामियों का कहना था कि हम सभी किसान का जीविकोपार्जन एक मात्र साधन खेती ही है. सीमांकन कार्य को रोकने का अनुरोध किया तो एसएसबी और प्रशासन के द्वारा किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. सीमांकन को तत्काल रोक दिये जाने, उचित मुआवजा दिलाने और परिवार के किसी सदस्यों को नौकरी दिलाने की मांग की गई.

मुआवजा के लिए रकम दरभंगा प्राधिकार में जमा है

एसडीएम ने लोगों से लिखित में मांग देने को कहा. उन्होंने कहा कि प्रशासन किसानों के हित के लिए है. उनकी मांगों पर सहानुभूति विचार किया जायेगा और उच्च अधिकारियों को इनके आवेदन को भेजा जायेगा. ऊपर से आदेश के तहत ही काम किया जायेगा. उन्होंने किसानों से कहा कि जमीन का मुआवजा के लिए रकम दरभंगा प्राधिकार में जमा है. वहां संबंधित कागजात जमा करने और मुआवजा दिलाने में प्रशासन व एसएसबी के अधिकारी भी सहयोग करेंगे. लेकिन वार्ता विफल रही. किसान मुवावजे की राशि नये नियम से देने समेत अन्य मांगों पर अड़े रहे और वार्ता के बीच से ही उठ गये.

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