ढूंढे जा रहे पिछले चुनाव में वोट नहीं करने वाले वोटर
मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर चुनाव आयोग द्वारा नए तकनीक अपनाए गए हैं. इसके तहत कम वोटिंग के कारणों की पड़ताल के साथ पिछली वार वोट नहीं करने वाले की खोज शुरू की गई है.
बिस्फी . मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर चुनाव आयोग द्वारा नए तकनीक अपनाए गए हैं. इसके तहत कम वोटिंग के कारणों की पड़ताल के साथ पिछली वार वोट नहीं करने वाले की खोज शुरू की गई है. मतदान प्रतिशत बढ़ाने का हर स्तर से प्रयास किया जा रहा है. इसके बावजूद पिछले कई चरणों में हुए चुनाव में कम मतदान प्रतिशत होने पर चौक-चौराहों पर इसकी चर्चा देखी जा रही है. इसे बढ़ाने को ले अब वैसे मतदाताओं को खोजा जा रहा है जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं किया था. इसकी सूची निर्वाचन आयोग द्वारा निकाली जा रही है. व्यक्तिगत स्तर पर पदाधिकारी और मतदान कर्मी उनके घर जाकर संपर्क कर रहे हैं. अगर वे दूसरे प्रदेश में हैं तो फोन से संपर्क कर मतदान के लिए प्रेरित व उत्साहित भी कर रहे हैं. उनके घर के अन्य सदस्यों को भी जागरूक किया जा रहा है.सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी मनोज कुमार अपने अधीनस्थ कर्मी को दिशा निर्देश दिया है. 2019 के लोकसभा की तुलना में मतदान तीन चार फीसदी कम दे जा रहा है. 2019 में उन्होंने मतदान नहीं किया था जिन्हें इस बार मतदान केंद्र तक लाने के लिए प्रभावी संचार नीति को अपनाकर मतदाताओं से संपर्क किया जा रहा है. इसमें टोला सेवक, तालीमी मरकज, सेविका, सहायिका, स्थाई बीएलओ एवं अस्थाई बीएलओ लगे हुए हैं.
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