सूचना अधिकार का प्रथम आवेदनकर्ता नहीं रहे

बिहार के पहले सूचना अधिकार कानून के तहत आवेदन देने वाले रिक्शा चालक मजलूम नदाफ नहीं रहे.

By Prabhat Khabar News Desk | April 20, 2024 10:04 PM

झंझारपुर / लखनौर . बिहार के पहले सूचना अधिकार कानून के तहत आवेदन देने वाले रिक्शा चालक मजलूम नदाफ नहीं रहे. वे प्रखंड के मछधी गांव निवासी थे. उनका निधन उनके पैतृक गांव में 84 वर्ष के उम्र में हुआ. इन्हें रहने के लिए घर नहीं था. आवास को लेकर इन्होंने सूचना अधिकार कानून के तहत सवाल किया था. यह वर्ष 2005 की बात है. फिर तो ये अचानक चर्चा में आ गये. पूरे देश में ख्याति मिली. जब कानून बना ही था तभी मजलूम नदाफ ने इंदिरा आवास की राशि न मिलने से संबंधित एक सूचना झंझारपुर के तत्कालीन एसडीओ अनिरूद्ध कुमार से मांग दी. तत्कालीन एसडीओ ने इसे सकारात्मक रूप में लिया और सूचना देने से पूर्व उनके खाते में झंझारपुर प्रखंड से राशि हस्तानान्तरित करवा दी. उस दौर में इस अधिकार का उपयोग और उसका सकारात्मक परिणाम लोगों के उत्सुकता का केंद्र विंदु बन गया और मजलूम नदाफ को ख्याति मिलनी शुरू हो गई. रिक्शा चालक की यह उपलब्धि देख नेशनल टीवी ने इनका साक्षात्कार एक नेशनल चैनेल पर कई दिनों तक चलाया. एक चैनेल ने अभिषेक बच्चन के हाथों वेस्ट सीटिजन जर्नलिस्ट पुरस्कार से भी इन्हें सम्मानित कराया था. वर्ष 2009 में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री बने मनीष सिसौदिया के साथ तत्कालीन प्रथम केन्द्रीय मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हवीउल्लाह से भी मुलाकात की. उन्होने भी मजलूम नदाफ की खूब प्रशंसा की थी. इसी दौर में उनका साक्षात्कार ऑल इंडिया रेडियो नईदिल्ली से प्रसारित हुआ था. झंझारपुर एसडीओ ने तब उन्हें दस हजार का पुरस्कार भी दिया था. कहा जाता है कि बिहार में सूचना का अधिकार मांगनेवाले वे प्रथम आवेदनकर्ता के रूप में जाने गये थे. वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उनसे मिलने उनके घर मछधी आए थे. तब भी उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थी. बाद में आर्थिक तंगी से गुजरते हुए उन्होंने अपना जीवन बिताया. बीते कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे. उन्हें गांव में ही दफनाया गया है. उनके निधन पर अशोक कुमार सिंह, फूले भंडारी, अर्जून मंडल, रविन्द्र ठाकुर, जितेन्द्र कुमार झा, हरेराम राय, राजेन्द्र मंडल सहित दर्जनों लोगों ने शोक व्यक्त किया है.

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