जल संकट गहराया : शंकर चौक पर वाटर लेवल 38 फुट पर गया
मॉनसून का रुठना लोगों के लिये भारी पड़ रहा है. न सिर्फ खेती बारी प्रभावित हो चुका है बल्कि सबसे खराब स्थिति पेयजल को लेकर हो गया है. जल संकट गहराता चला जा रहा है.
मधुबनी. मॉनसून का रुठना लोगों के लिये भारी पड़ रहा है. न सिर्फ खेती बारी प्रभावित हो चुका है बल्कि सबसे खराब स्थिति पेयजल को लेकर हो गया है. जल संकट गहराता चला जा रहा है. सामान्य से दो गुणा से भी अधिक नीचे जलस्तर चला गया है. यह गिरावट जारी है. आलम यह है कि शहर में ही अब 38 फुट तक नीचे जलस्तर पहुंच चुका है. जिससे पानी की मारामारी हो रही है. लोगों को एक दूसरे के घर पर निर्भर होना पड़ रहा है.
सामान्य चापाकल से नहीं निकल रहा पानी
पिछले दो महीने से बारिश नहीं होने के कारण भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. जिससे शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल को लेकर हाहाकार की स्थिति दिख रही है. शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण चापाकल पानी देना बंद कर दिया है. शहर में सामान्य भूजल स्तर 18 फुट होना चाहिए. लेकिन अभी भूजल स्तर 26 फुट से लेकर 38 फुट नीचे चला गया है. जिसकी वजह से पानी को लेकर लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.
शंकर चौक पर स्थिति सबसे खराब
पीएचइडी विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार शहर के विभिन्न वार्डों में जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. सबसे खराब स्थिति शंकर चौक के समीप है. यहां पर वर्तमान में भूजलस्तर 37.7 फुट नीचे चला गया है. जबकि वार्ड 14 में 35 फुट पर जलस्तर है.जलसंकट से जूझ रहे लोगों मे आक्रोश बढ़ता जा रहा है. आये दिन लोग जल संकट को लेकर सड़क जाम कर रहे हैं. हाल ही में रांटी में दो जगहों पर दो दिन लोगों ने बांस बल्ला से सड़क जाम कर दिया्.
सामान्य से कम बारिश होने से बढ़ी परेशानी
जल संकट गहराने का सबसे प्रमुख कारण जून जुलाई में सामान्य से कम बारिश होना है. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मई जून में औसत बारिश 504 एमएम होना चाहिए. जिसके विरुद्ध मात्र 260 एमएम बारिश ही हुई.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है