मौसम की मार, पारा 37 डिग्री सेल्सियस के पार
उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है. आलम यह है कि सोमवार को तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया.
मधुबनी . उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिल रही है. आलम यह है कि सोमवार को तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया. मौसम वेधशाला पूसा से जारी मौसम पुर्वानुमान के अनुसार 25 सितंबर तक तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है. इस अवधि में 6-8 किलोमीटर की रफ्तार से पछिया हवा चलेगी. इस दौरान न्यूनतम तापमान 26-28 डिग्री सेल्सियस रहेगा. 25 सितंबर के बाद बारिश होने की संभावना है. भीषण गर्मी के कारण लोग तेजी से बीमार हो रहे हैं. थोड़ी सी भी चूक लोगों को परेशान कर रही है. वर्तमान समय में वायरल बुखार सर्वाधिक परेशानी का सबब बना हुआ है. बताया जाता है कि वायरल बुखार की चपेट में आने से कम से कम तीन दिनों तक मरीज को परेशानी होती है. इधर डॉक्टरों की माने तो अभी के समय में लोगों के बीमार होने पर बुखार के अलावे कमजोरी, सिर दर्द की सर्वाधिक शिकायतें होती हैं. खासकर अभी लोग बीमार पड़ने पर काफी कमजोर हो जाते हैं. भीषण गर्मी के कारण सोमवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में 450 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक मेल मेडिकल ओपीडी में 145 मरीजों का इलाज किया गया. मेल मेडिकल वार्ड में तैनात चिकित्सक डा. प्रभात कुमार ने कहा कि इस समय सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित सबसे अधिक मरीज आ रहे हैं. गायनिक ओपीडी में डा. शाहिदा फारुकी व भावना गुरुंग द्वारा 125 गर्भवती महिलाओं सहित अन्य स्त्री रोग से संबंधित महिलाओं का इलाज किया गया. आर्थो ओपीडी में डा. राजीव रंजन ने निवास सिंह द्वारा 130 मरीजों का इलाज किया. आई ओपीडी में डा. आशिक रेजा ने 25 मरीजों का इलाज किया. चाइल्ड ओपीडी में डा. रविप्रकाश ने 25 बच्चों का इलाज किया. दूसरे व्यक्तियों की बीमार होने की भी रहती है संभावना सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा. विनय कुमार ने कहा कि परिवार में एक व्यक्ति के बीमार होने के बाद वायरल बुखार दूसरे लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेता है. ऐसे में लोगों को और भी विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है. ताकि वे बीमार नहीं हो. खांसी आदि के बाद वायरस के संक्रमण आने की प्रबल संभावना रहती है. ताजा भोजन का करना चाहिए सेवन सिविल सर्जन नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा, कि इस समय में लोगों को बासी भोजन नहीं खाना चाहिए. ताजा पानी पीना चाहिए. कोल्ड ड्रिंक एवं अत्यधिक ठंडे पानी का सेवन करने से भी परहेज करने की जरूरत है. लोगों को ताजा व गर्म भोजन करने की सलाह दी जाती है. पौष्टिक भोजन एवं हरी सब्जी का अधिक से अधिक सेवन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अत्यधिक बुखार होने पर लोगों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी के समय में लोगों को उल्टी होने की भी शिकायत मिल रही है. बच्चों के लिए भी सतर्कता जरूरी इस समय बच्चों को सावधानी से रखने की आवश्यकता है. तेज धूप व उमस भरी गर्मी के कारण समस्या उत्पन्न होती है. सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि प्रकाश ने कहा कि अभी के समय में बच्चों को बुखार की चपेट में आने के साथ-साथ लूज मोशन एवं सर्दी खांसी होने की भी संभावना रहती है. इसके अलावे मलेरिया की चपेट में आने की संभावना भी प्रबल रहती है. जिससे तेज बुखार के साथ चमकी आने की शिकायत आ रही है. बच्चों को अत्यधिक उल्टी व दस्त होने की भी शिकायत लेकर लोग आ रहे हैं. बच्चों के स्वास्थ्य को विशेष रूप से सतर्क रहना जरूरी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकानंद पाल ने कहा कि बच्चों के लिए मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करना चाहिए. वहीं तेज हवा यानी पंखा की रफ्तार तेज नहीं बल्कि धीमी रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी बच्चे को काफी तेज बुखार आ जाए तो उसके सिर पर तुरंत ठंडा पानी की पट्टी देनी चाहिए. बिना लापरवाही बरते तुरंत डॉक्टर से उचित सलाह लेने की भी आवश्यकता है.
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