मधुबनी. चार-पांच दिन पूर्व आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश के बाद जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली वहीं पिछले दो दिनों से भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं. आलम यह है कि मंगलवार को पारा 33 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया. तापमान में वृद्धि के साथ ही उमस वाले मौसम से भीषण गर्मी का अहसास होने लगा है. मौसम का मिजाज कुछ दिनों तक ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में आम आदमी की परेशानी बढ़ सकती है. गर्मी का आलम यह रहा कि सदर अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बुधवार को 450 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. ऐसे में चिकित्सकों ने लोगों बारिश के कारण होने वाली जलजनित बीमारी व गर्मी से सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं. मानसून के दौरान उमस वाली गर्मी के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार एवं पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. इसमें सबसे अधिक मेडिसिन ओपीडी में सर्दी-खांसी, बुखार, पेट दर्द, बीपी से पीड़ित 175 मरीज, स्त्री एवं प्रसूति रोग आइपीडी गायनिक 106, आर्थोपेडिक ओपीडी में 107, चाइल्ड ओपीडी में 40 आईं ओपीडी में 20 व डेंटल ओपीडी में 15 मरीजों का इलाज चिकित्सकों ने किया. मेल ओपीडी के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ विनय कुमार ने कहा कि मौसमी बीमारियों व भीषण गर्मी के मौसम में कुछ सावधानी बरत कर अपने-आपको सुरक्षित रखा जा सकता है. चिकित्सक ने कहा कि किसी भी तरह की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए अपने चिकित्सक व नजदीकी अस्पताल में जाना चाहिए, ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाकर उसका सही इलाज किया जा सके.
450 मरीजों का कटा पर्ची
मंगलवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 410 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें मेल ओपीडी में 165 मरीजों का इलाज डॉ. विनय कुमार ने किया गया. डॉ. कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में सर्दी-खांसी बुखार व पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. ऑर्थोपेडिक ओपीडी में डॉ. विक्रम सिंह रैगर ने कहा कि वर्तमान समय में अधिकांश मरीज कमर दर्द व पेट दर्द से पीड़ित आ रहे हैं. गायनिक ओपीडी म में डॉ. भावना गुरुंग ने कहा कि गर्भवती महिला सहित महिला रोग से संबंधित 106 मरीजों को इलाज कर उचित सलाह दी गई. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा हीट वेब एवं भीषण गर्मी को देखते हुए सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस सहित अन्य प्रकार की जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण किया गया है. ताकि मौसमी बीमारी व हीटवेब की चपेट में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ ही संबंधित बीमारी की दवा उपलब्ध कराया जा सके. सीएस ने कहा कि अस्पताल में सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सभी प्रकार की दवा उपलब्ध है. दवा काउंटर के फर्मासिस्ट ने कहा कि चिकित्सक द्वारा मरीजों के पर्ची पर लिखा गया सभी दवा मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही है.
कैसे करें बचाव
सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि कुछ सावधानियां बरत कर लू और गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है.
धूप एवं गर्मी में बाहर जाने से बचें, नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें
घर से बाहर पूरी आस्तीन के और ढीले कपड़े पहनकर निकलें
ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनें
सूती कपड़े पहनें
सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े नहीं पहनें
खाली पेट घर से बाहर नहीं जाएं
ज्यादा देर भूखे रहने से बचें
धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें
सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें
चश्मा पहनकर बाहर जाएं
चेहरे को कपड़े से ढक लें
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