बीमार कर रहा मौसम, अस्पताल में मरीजों की बढ़ी संख्या
पिछले एक सप्ताह से मौसम की आंख मिचौनी जारी है. कभी तेज हवा के थपेड़ों के साथ हो रही बारिश जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत देती है, वहीं अगले दिन पारा 35 डिग्री के पार होकर भीषण गर्मी का एहसास दिलाता है.
मधुबनी. पिछले एक सप्ताह से मौसम की आंख मिचौनी जारी है. कभी तेज हवा के थपेड़ों के साथ हो रही बारिश जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत देती है, वहीं अगले दिन पारा 35 डिग्री के पार होकर भीषण गर्मी का एहसास दिलाता है. आलम यह है कि शुक्रवार को को पारा 35 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया. तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्म हवा के थपेड़ों से भीषण गर्मी का अहसास होने लगा है. यदि मौसम का मिजाज कुछ दिनों तक ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में आम आदमी की परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे में चिकित्सकों ने लोगों को गर्मी से सतर्कता बरतने की सलाह दी है. भीषण गर्मी के कारण सदर अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार एवं पेट दर्द से पीड़ित मरीजों का की संख्या भी बढ़ने लगी है. इसमें सबसे अधिक मेल ओपीडी में सर्दी खांसी, बुखार, पेट दर्द, बीपी से पीड़ित 165 मरीज, स्त्री एवं प्रसूति रोग आईपीडी गायनिक 106, आर्थोपेडिक ओपीडी में 107, आईं ओपीडी में 25, चाइल्ड ओपीडी में 30 व डेंटल ओपीडी में 15 मरीज शामिल थे. मेल ओपीडी के चिकित्सा पदाधिकारी डा. संजीव कुमार झा ने कहा कि भीषण गर्मी व हीटवेब से कुछ सावधानी बरतकर अपने को सुरक्षित रखा जा सकता है. चिकित्सक ने कहा कि किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए अपने चिकित्सक व नजदीकी अस्पताल में जाना चाहिए. ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाकर उसका सही इलाज किया जा सके. 405 मरीजों का काटा गया पर्ची शुक्रवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर 405 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें मेल ओपीडी में 165 मरीजों का इलाज डॉ. संजीव कुमार झा कुमार ने किया. डॉ. झा ने कहा कि वर्तमान समय में सर्दी, खांसी, बुखार व पेट दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है. ऑर्थोपेडिक ओपीडी में डॉ. रामनिवास सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में अधिकांश मरीज कमर दर्द व पेट दर्द से पीड़ित थे. गायनिक ओपीडी मैं डॉ. विद्या पॉल ने कहा कि गर्भवती महिला सहित महिला रोग से संबंधित 106 मरीजों को इलाज कर उचित सलाह दी गई. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा हीटवेब एवं भीषण गर्मी को देखते हुए सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस सहित अन्य जीवन रक्षक दवाओं का भंडारण किया गया है. ताकि हीट वेब की चपेट में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के साथ ही संबंधित बीमारी की दवा उपलब्ध कराया जा सके. कैसे करें बचाव: सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि कुछ सावधानियां बरत कर लू और गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है. तेज गर्म हवा में बाहर जाने से बचें, नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें. घर से बाहर पूरी आस्तीन के और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, जिससे कि शरीर में हवा लगती रहे. ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनें. सूती कपड़े पहने. सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिस्टर के कपड़े नहीं पहनें. खाली पेट घर से बाहर नहीं जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें. इसके अलावा, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें चश्मा पहनकर बाहर जाएं. चेहरे को कपड़े से ढक लें.
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