Madhubani News. भूकंप आया तो चूल्हे से उठने लगी चिंगारी
जिला मुख्यालय सहित सभी क्षेत्रों में मंगलवार की अहले सुबह भूकंप के तेज झटके आये. भूकंप सुबह करीब 6 बजकर 35 मिनट पर आया था. ठंड के कारण अधिकांश लोग बिस्तर पर ही सोये थे.
Madhubani News. मधुबनी/बेनीपट्टी . जिला मुख्यालय सहित सभी क्षेत्रों में मंगलवार की अहले सुबह भूकंप के तेज झटके आये. भूकंप सुबह करीब 6 बजकर 35 मिनट पर आया था. ठंड के कारण अधिकांश लोग बिस्तर पर ही सोये थे. अचानक पलंग, चौकी हिलने लगा. पहले तो लोगों को यह अंदाजा ही नहीं लगा कि भूकंप है, पर जैसे ही भूकंप का एहसास हुआ लोग अपने अपने बच्चों को लेकर घरों से बाहर की ओर भागे. एक दूसरे को आवाज देकर उठाया और घरों से बाहर खुले मैदान में आने को कहा. भूकंप से लोगों में दहशत कायम हो गया. भूकंप के दौरान घरों के पंखे,बिजली के खंभे, भी जोड़ जोड़ से हिल रहा था. तालाबों का पानी जोर जोर से हिलोरे मार रहा था. लोग एक दूसरे को भूकंप की हकीकत बताने के लिये कभी तालाब तो कभी बिजली का खंभा दिखा रहे थे. हालांकि जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिला भर में कहीं भी भूकंप से जान मान की क्षति का समाचार सामने नहीं आया है. हालांकि लोगों में भूकंप को लेकर दहशत का माहौल है. बेनीपट्टी के उच्चैठ निवासी रघुनाथ महतो बताते हैं कि अपनी बेड पर गहरे नींद में सोये थे. तभी उन्हें तेज झटके महसूस हुए. झटके से अनहोनी होने आभास हुआ तो वे हड़बड़ाकर बेड पर से उठकर बाहर की ओर भागे और शोर मचाने लगे. इस क्रम में वे कई बार गिरते-गिरते बच गये. घर से बाहर जब वे अपने घर के सामने सड़क पर पहुंचे तो कई लोगों द्वारा भूकंप आने की चर्चा शुरू हो चुकी थी. वहीं बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय के पास दिनेश मुखिया अपने नाश्ते की दुकान में छोला बनाकर रख रखे थे. टोपिया में दूध भरा था और सस्पेन में चूल्हे पर चाय बनाने में जुटे थे. तभी अचानक धरती डोलने लगी. दिनेश मुखिया बताते हैं कि जब तक कुछ समझ पाता तब तक चूल्हे से आग की चिंगारी ऊपर की ओर उड़ने लगी. जलते चूल्हे पर सस्पेन में रखे चाय, बगल में एक टोपिया में रखा दूध व कड़ाह में रखे हुए तैयार छोले में असामान्य उबाल आने लगा. उन्होंने बताया कि उन्हें लगा जैसे उनके दुकान का एस्बेस्टस गिर रहा हो तो सब कुछ जैसे को तैसे छोड़कर वे बाहर भागे और बेनीपट्टी बौरहर मुख्य सड़क पर आ गये. जहां आधे दर्जन लोग एक साथ सड़क पर टहल रहे थे. वे सभी एक दूसरे को सहारा देकर संभालने में जुटे थे. किसी के कदम लड़खड़ा रहे थे तो कोई सहारा ढूंढ़ने के प्रयास कर रहे थे. तभी काफी संख्या में लोग सड़क पर आकर शोर मचाने लगे कि भूकंप आया भूकंप आया बाहर भागो. कुछ देर के बाद स्थिति सामान्य हो गई और सभी लोग भी सामान्य हुए.
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