Madhubani News : विंड चिलिंग का असर बरकरार, दो से तीन दिनों तक और सतायेगी ठंड

सुबह में कुहासा व पछिया हवा के कारण लोगों को शुक्रवार को भी लोगों को हाड़कंपा देनेवाली ठंड का सामना करना पड़ा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2025 10:50 PM

मधुबनी.

सुबह में कुहासा व पछिया हवा के कारण लोगों को शुक्रवार को भी लोगों को हाड़कंपा देनेवाली ठंड का सामना करना पड़ा. ठंड व कुहासे के कारण सदर अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में कमी दिखी, जहां सामान्य दिनों में ओपीडी में 600 – 700 मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन शुक्रवार को महज 296 मरीजों का ही पंजीकरण हुआ. इसमें सबसे अधिक मरीज सर्दी, खांसी, बुधवार, दमा व बीपी के मरीज थे. मौसम वेधशाला पूसा समस्तीपुर के बलिया नोडल पदाधिकारी डॉ. ए सत्तार की मानें तो शुक्रवार को अधिकतम तापमान 20.5 व न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस रहा. हाड़कपां देने वाली ठंड के बाद भी चौक-चौराहे पर लोगों का आना-जाना पूर्व की भांति ही जारी रहा. ठंड के कारण नगर निगम की ओर से क्षेत्र के 23 स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की घोषणा कागजों में ही सिमट कर रह गयी है. सार्वजनिक स्थलों पर कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं है. ठंड के बाद भी मजदूर अपने-अपने काम पर लगे रहे. मजदूर अकलू मंडल, नंदू राय, कमल राय, संतु चौधरी, मंगलू कामत ने कहा कि सर्दी हो या गर्मी हम लोगों को काम करना ही है.

बीपी के मरीज रखें अपना विशेष ख्याल

सदर अस्पताल में गुरुवार को 296 मरीजों का पंजीकरण किया गया. इसमें सबसे अधिक 85 मरीजों का मेल ओपीडी में डाॅ. मेराज अकरम ने किया. इसके अलावा आर्थो ओपीडी में 45 मरीजों का इलाज डाॅ. राम निवास सिंह, गायनिक ओपीडी में 65 मरीजों का इलाज डा. विद्या पाल, चाइल्ड ओपीडी 20 बच्चों का इलाज शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. विवेकानंद पाल, साइक्रेटिक में 15 मरीजों का इलाज डाॅ. श्रवण कुमार ने किया. डाॅ. मेराज अकरम ने कहा कि ठंड में दमा व ब्लड प्रेशर के मरीज अत्यधिक प्रभावित होते हैं. इसका मुख्य कारण सांस लेने वाले ग्रंथियों में सांस का अवरुद्ध होना है. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के मरीज का ब्लड प्रेशर अधिक हो जाता है. जिसका मुख्य कारण नसों में सिकुड़न होता है. ऐसे में हार्ट अटैक के मरीज की संख्या में बढ़ोतरी का कारण हर्ट को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन का नहीं मिलना होता है. इन बीमारी से ग्रसित मरीजों को दवा का नियमित सेवन करना चाहिए. कोल्ड एक्सपोजर से भी ऐसे मरीज को बचना चाहिए. कोल्ड एक्सपोजर के कारण ब्लड प्रेशर के मरीज पैरालाइसिस के शिकार हो सकते हैं. सर्दी के मौसम में सबसे अधिक बचाव कोल्ड एक्स्पोज़र से करना है. इसके साथ ही खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

डायरिया से बचाव के लिए करें यह काम

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ विवेकानंद पाल ने कहा कि ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़ों में लपेट कर रखना चाहिए. बच्चों को आग से नहीं सेकना चाहिए. बच्चों को डायरिया से बचाव के लिए टीकाकरण से लेकर ओआरएस व जिंक सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है. 0 से 28 दिन के नवजात शिशुओं को सदर अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती किया जाता है. इससे ऊपर आयु के बच्चों को पेडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया जाता है. उन्होंने जाड़े के दिनों में बच्चों के लिए सबसे बेहतर उपाय ब्रेस्टफीडिंग को बताया. उन्होंने कहा कि माताओं को बच्चों को बराबर स्तनपान कराते रहना चाहिए. बच्चों को कभी खाली पेट नहीं रखना चाहिए. सर्जन डा. रामनिवास सिंह ने कहा, कि ठंड में गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए. इसके साथ ही नियमित व्यायाम करना चाहिए. जोड़ो के दर्द से संबंधित मरीजों को गर्म कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए. ठंड से बचना चाहिए, नीचे नहीं बैठना चाहिए.

बच्चों व बुजुर्ग के पूरे शरीर को हमेशा गर्म कपड़े से ढक के रखना चाहिए:

ठंड के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को पूरे शरीर को हमेशा गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए. इसके साथ ही समय-समय पर ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर की जांच कराते रहना चाहिए. पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. दवा काउंटर से मिली जानकारी अनुसार सदर अस्पताल अस्पताल में दवा की कोई किल्लत नहीं है. लेकिन बीपी व डायबिटीज का एक ही प्रकार का दवा उपलब्ध है है.

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