विश्व जनसंख्या दिवस आज

विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है. यह वैश्विक जनसंख्या और उससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित दिन है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2024 9:57 PM

मधुबनी. विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है. यह वैश्विक जनसंख्या और उससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित दिन है. परिवार नियोजन के प्रति आमलोगों को जागरूक करने के लिए जिले में दंपति संपर्क पखवाड़ा का आयोजन किया गया.. यह अभियान 10 जुलाई तक संचालित किया गया है. परिवार नियोजन पखवाड़ा का इस वर्ष ” विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपति की शान ” थीम के तहत मनाया जाएगा. परिवार नियोजन के लिए सामुदायिक स्तर पर अलख जगाने के लिए वर्ष 1989 से 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है. प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान न केवल अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए बल्कि मातृ और शिशु स्वास्थ्य कल्याण के लिए भी महत्व रखता है. इसलिए विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर इस प्रतिकूल परिदृश्य में पूरे माह जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर चलाया गया. सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र कुमार भीमसारिया ने कहा कि सीमित परिवार हर मायने में खुशहाली का प्रतीक होता है. छोटे परिवार में ही बच्चों की बेहतर परवरिश संभव होती है एवं उन्हें जरुरी संसाधन उपलब्ध हो पाता है. इसलिए विश्व जनसंख्या दिवस के माध्यम से आमलोगों को नियोजित परिवार के विषय में संकल्पित होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में ही जिले में 27 जून से 10 जुलाई तक दंपति संपर्क पखवाड़ा मनाया गया. इसमें आशा द्वारा इच्छुक दंपत्ति से संपर्क कर परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गई. 11 से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन जिले में 11 से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा. इसके तहत पंजीकृत दंपति को परिवार नियोजन का स्थाई एवं अस्थाई साधन उपलब्ध कराया जाएगा. इस दौरान जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर तक विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जाएगा. उन्होंने खुशहाल परिवार का मंत्र बताते हुए कहा कि स्वस्थ परिवार के लिए भी परिवार नियोजन के उपाय कारगर है. इसके लिए परिवार नियोजन के किसी भी विधि को अपनाया जा सकता है. जो सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है. स्वस्थ जच्चा एवं बच्चा के लिए लड़की की शादी 18 साल बाद एवं लड़के की शादी 21 वर्ष के बाद ही करना चाहिए. 20 साल के बाद ही महिला द्वारा गर्भधारण सुरक्षित होता है.

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