मछली पालन कर आत्मनिर्भर बन रहे युवा किसान

प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सुगौना उत्तरी पंचायत लगामोईन के समीप युवा किसान ऋषभ पूर्वे पांच एकड़ में नया तालाब की खुदाई कर मछली पालन कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print | June 30, 2024 9:14 PM

राजनगर. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सुगौना उत्तरी पंचायत लगामोईन के समीप युवा किसान ऋषभ पूर्वे पांच एकड़ में नया तालाब की खुदाई कर मछली पालन कर रहे हैं. कम लागत में बढ़िया मुनाफे की वजह से मछली पालन ग्रामीणों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहा है. इस कारोबार की ओर बड़ी संख्या में किसानों का रुझान बढ़ा है. सरकार भी मछली पालन की शुरुआत करने वाले किसानों को सब्सिडी भी दे रही है. मछली पालन स्वरोजगार की ओर युवाओं का आकर्षण भी बढ़ा है. वहीं युवा किसान ऋषभ पूर्वे मछली पालन कर आत्मनिर्भर बन स्वरोजगार के माध्यम से और भी बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया करा रहे हैं. 28 वर्षीय ऋषभ बताते हैं कि उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई की. फाइनेंस कंपनी में एक साल तक नौकरी की. लेकिन नौकरी करने में मन नहीं लगा. नौकरी छोड़ किसानी पर ध्यान दिया. मत्स्य पालन के लिए मत्स्य विभाग ने इन्हें न सिर्फ अनुदान मुहैया कराया है. बल्कि तकनीकी प्रशिक्षण भी दिलाई गई. बेकार पड़े बंजर भूमि को किसानों से लगभग 5 एकड़ जमीन लीज पर लेकर चौर विकास योजना अंतर्गत मत्स्य विभाग से पोखर खुदवाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान मिला. कुछ रिश्तेदारों एवं परिवार से मदद लेकर मछली पालन कर सालाना एक लाख से अधिक की आमदनी हो रही है. उन्होंने बताया कि तालाब में सात प्रकार की मछली पालन किया जाता है. जिसमें रेहू, कतला, नैनी, ग्रास कार्प, कमल काट, विघट जैसे मछलियों का पालन किया जा रहा है. जिसका बिहार सहित भारतीय बाज़ार में भारी मांग है. फिलहाल जलाशय में इन मछलियों के मत्स्य बीज हैचरिंग, जीरा का भी उत्पादन किया जा रहा है. इसका लाभ मछली पालन करने वाले छोटे किसानों को मिलेगा. वर्ष 2025 तक इस प्रोजेक्ट के तहत जलाशय मेढ़ पर केला, पपीता, नींबू, मिर्ची के पौधे लगाए जाएंगे. साथ ही बकरी पालन, बतख, मुर्गी, बटेर पालन करने की भी योजना है. समस्तीपुर के राम नगीना सहनी के मार्गदर्शन में मछली पालन खेती कर जल जीवन हरियाली को भी बचाने का प्रयास किया जा रहा है. ऋषभ ने अपने इस स्वरोजगार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मछली पांडा नाम दिया है.

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