मगध मेडिकल अस्पताल का विवादों से पुराना नाता रहा है. नया मामला ऑडिट के दौरान सामने आया है. जांच के दौरान ऑडिटर ने सवाल उठाये हैं कि कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलिंडर ढोने वाले बिल में जिस गाड़ी का नंबर दिया गया है, वह मालवाहक ऑटो का है. इस तरह के ऑटो से 600 किलो तक ही वजन ढोने की क्षमता होती है. गाड़ी संख्या बीआर 02 जीए 0828 से यहां 50 सिलिंडर ढोने का बिल लगाया गया है, इतने डी टाइप सिलिंडर का वजन 2500 किलो होता है. यहां इस गाड़ी से 1900 किलो अधिक वजन का सिलिंडर ढोया गया. यह मामला 2021 का बताया जाता है. इसके अलावा भी अन्य कई तरह के सवाल ऑडिटर की ओर से ऑक्सीजन सिलिंडर को लेकर उठाये गये हैं.
ऑडिटर के सवाल के बाद तरह-तरह के चर्चाएं हो रही हैं. इससे पहले कोरोना के समय ऑक्सीजन सिलिंडर चोरी का मामला भी उजागर हो चुका है. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि यहां ऑक्सीजन प्लांट लगने के बाद भी अधिक जोर बाहर से ऑक्सीजन सिलिंडर मंगवाने पर होता है. इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक के हर बेड पर पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाइ की व्यवस्था कर दी गयी है. एक कर्मचारी ने बताया कि ऑक्सीजन पाइपलाइन का फ्लो मीटर कई जगहों पर खराब है. लेकिन, उसे बनाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है. ऑक्सीजन का छोटा सिलिंडर को मंगवा कर काम चलाया जा रहा है.
कोरोना काल में एक थ्रीवीलर पर एक बार में करीब 50 ऑक्सीजन सिलिंडर ढोने का मामला ऑडिट में उजागर हुआ है. इस मामले में ऑडिटर की ओर से सवाल उठाये गये हैं. जांच कर रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जायेगी. ऐसे कई तरह के पुराने मामले हाल के दिनों में उजागर हो रहे हैं. सारे मामलों की जांच होगी. डॉ एनके पासवान, उपाधीक्षक, मगध मेडिकल अस्पताल