मगध विवि: प्रभारी प्रबंधन के पेच में उलझी लंबित परीक्षाएं, परेशान स्टूडेंट्स के बीच आक्रोश

मगध विश्वविद्यालय में प्रभारी पदाधिकारियों के कारण कामकाज भी प्रभावित हो रहा है और इसका सीधा असर छात्रों के पठन-पाठन व परीक्षाओं के आयोजन पर पड़ रहा है. इन दिनों इस बात को लेकर एमयू में छात्रों के बीच काफी आक्रोश है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2022 10:59 AM

बोधगया. मगध विश्वविद्यालय व एमयू के कॉलेजों में नामांकित छात्र-छात्राओं के सत्र पिछड़ने के साथ ही लंबित परीक्षाओं के आयोजन नहीं हो पा रहा है व रिजल्ट का प्रकाशन भी नहीं हो पा रहा है. दरअसल, मगध विश्वविद्यालय इन दिनों प्रभारी प्रबंधन के भरोसे चल रहा है. मगध विवि के कुलपति, कुलसचिव, वित्तीय सलाहकार व वित्त पदाधिकारी दूसरे विश्वविद्यालय के हैं और यहां का उन्हें अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. पदाधिकारियों के अतिरिक्त प्रभार में होने के कारण इसे लोग प्रभारी प्रबंधन वाला विश्वविद्यालय भी कहने लगे हैं. मगध विश्वविद्यालय में प्रभारी पदाधिकारियों के कारण कामकाज भी प्रभावित हो रहा है और इसका सीधा असर छात्रों के पठन-पाठन व परीक्षाओं के आयोजन पर पड़ रहा है. इन दिनों इस बात को लेकर एमयू में छात्रों के बीच काफी आक्रोश है कि उनकी लंबित परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो पा रहा है.

प्रभारी पदाधिकारियों के कारण कामकाज भी हो रहा प्रभावित

दिसंबर के अंत या फिर जनवरी की शुरूआत में ही विभिन्न वोकेशनल कोर्सों व पीजी आदि की लंबित परीक्षाएं आयोजित की जानी थी. इसके लिए कंप्यूटर सेल का सुचारू होना जरूरी है और परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि कंप्यूटरों के यूपीएस की खरीद नहीं होने के कारण काम ठप है. इसके लिए बताया गया कि यूपीएस की खरीद के लिए राशि की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए वीसी, कुलसचिव, एफए व एफओ की सहमति आवश्यक है. लेकिन, एमयू के कुलपति भागलपुर विवि में तो कुलसचिव छपरा विवि में होते हैं.

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अब जनवरी में भी परीक्षाएं शुरू कराना मुश्किल

एफए वीर कुंवर सिंह विवि आरा के हैं तो एफओ पाटलिपुत्र विवि पटना के हैं. सिर्फ परीक्षा नियंत्रक मगध विवि के लिए स्थायी रूप से नियुक्त हैं. ऐसे में किसी फाइल पर स्वीकृति प्राप्त करने के लिए उनके संबंधित स्थानों पर फाइलों को पहुंचाना होगा. इसमें वक्त के साथ खर्च भी लगेंगे. वैसे, राजभवन का निर्देश है कि प्रत्येक शुक्रवार व शनिवार को सभी पदाधिकारियों को एमयू मुख्यालय में मौजूद रहना है. परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि कंप्यूटरों के यूपीएस की खरीद के लिए संबंधित पदाधिकारियों से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद यूपीएस खरीदें जायेंगे और परीक्षा सं संबंधित कामकाज शुरू किया जायेगा. उन्होंने बताया कि अब जनवरी में भी परीक्षाएं शुरू कराना मुश्किल लग रहा है.

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