महागठबंधन के नेताओं ने PM नरेंद्र मोदी को दी चेतावनी, कहा- ‘2024 में सिखा देंगे सबक’, BJP ने किया पलटवार

महागठबंधन के नेताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुये कहा है कि सीबीआइ (CBI), आइटी डिपार्टमेंट (IT) और इडी (ED) के दुरुपयोग पर जनता सड़क पर उतर सकती है. वहीं, भाकपा विधायक अजय कुमार ने कहा कि केंद्र की सरकार का एक ही लक्ष्य है कि संविधान की हत्या की जाये.

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2022 8:16 AM

पटना: महागठबंधन के नेताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुये कहा है कि सीबीआइ, आइटी डिपार्टमेंट और इडी के दुरुपयोग पर जनता सड़क पर उतर सकती है. भाजपा की राजनीति को बिहार की जनता समझ चुकी है और 2024 में उसे सबक सिखा देगी. यह बातें महागठबंधन नेताओं ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहीं. इसका आयोजन जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में किया गया. इसमें जदयू, राजद, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, भाकपा-माले के नेता शामिल रहे.

केंद्रीय एजेंसियों का हो रहा दुरुपयोग

भाकपा विधायक अजय कुमार ने कहा कि सीबीआइ, आइटी व इडी का दुरुपयोग हो रहा है. प्रधानमंत्री के इशारे पर सीबाआइ ने तेजस्वी यादव से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी की. भाकपा माले नेता केडी यादव ने कहा कि केंद्र की सरकार का एक ही लक्ष्य है कि संविधान की हत्या की जाये. भाकपा विधायक रामरतन सिंह ने कहा कि सीबीआइ, आइटी व इडी के माध्यम से महागठबंधन को डराने का प्रयास हो रहा था. मंत्री आलोक मेहता और कांग्रेस मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राठौर ने भी सीबीआइ, इडी और आइटी की भूमिका पर सवाल उठाये. इस सम्मेलन में जदयू प्रवक्ता प्रो रणवीर नंदन व मुख्यालय प्रभारी सह प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ नवीन आर्य चंद्रवंशी भी उपस्थित थे.

जीतन राम मांझी की पार्टी से नदारद रहे प्रतिनिधि

इधर, बिहार में सरकार बनने के बाद महागठबंधन की पहली संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीतनराम मांझी की पार्टी की ओर से कोई शामिल नहीं हुआ. इसमें गैरमौजूदगी को लेकर हम के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव डॉ. दानिश रिजवान ने सफाई दी है. उनका कहना है कि पार्टी को सूचना नहीं मिली थी. इस कारण वह शामिल नहीं हो सके.

भाजपा की नींद उड़ी हुई है- जदयू

इस दौरान जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि आमतौर पर इस तरह का संवाददाता सम्मेलन चुनाव के समय होता है, लेकिन सीबीआइ, इडी और आइटी की छापेमारी के बाद यह जरूरी था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि राज्य में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद भाजपा की नींद उड़ गयी है. यही कारण है कि बिहार में बड़ी संख्या में राजद नेताओं के यहां सीबीआइ की छापेमारी हुई. सीबीआइ, इडी और आइटी के दुरुपयोग को जनता समझ गयी है.

‘नीतीश कुमार के नाम से चुनाव जीते सांसद दें त्यागपत्र’

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह सांसद मनोज झा ने कहा कि षड्यंत्र के तहत भाजपा ने गुड़गांव के एक मॉल पर सीबीआइ की छापेमारी करायी और मॉल को तेजस्वी यादव का बताया गया. अब मॉल के मालिकाना वाली ह्वाइट लैंड कंपनी स्पष्ट किया है कि मॉल से उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का सरोकार नहीं है. जदयू नेता व समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने यह मांग की है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सहयोग से सांसद बनकर केंद्र में मंत्री बने बिहार के नेता त्यागपत्र देकर फिर से चुनाव के मैदान में आएं.

बीजेपी ने किया पलटवार

वहीं, इस मामले को लकेर भाजपा के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को लेकर जो लोग प्रश्नचिह्न उठा रहे हैं, उनको जानना चाहिए कि लालू प्रसाद को सत्ता से उठा कर जेल तक पहुंचाने वाली सीबीआइ ही थी. उस वक्त तो भाजपा नहीं थी. तब यह संस्थाएं किसके दामाद और जमाई थे? जब आपने गलत नहीं किया तो घबरा क्यों रहे हैं? जनता को भ्रमित क्यों करना चाहते हैं? इस तरह का माहौल बना कर साबित क्या करना चाहते हैं.

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