वक्फ की जमीन पर मनाया जा रहा महाकुंभ, इतना सुनते ही भड़के राज्यपाल आरिफ खान, बोले- इन सब बातों में… 

Patna: वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि योगी सरकार द्वारा आयोजित महाकुंभ बोर्ड की जमीन पर किया जा रहा है. वक्फ बोर्ड के इस दावे पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

By Prashant Tiwari | January 15, 2025 3:05 PM

13 जनवरी से शाही स्नान के साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज हो गया. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक महाकुंभ के शुरुआती दो दिनों में ही 5 करोड़ स्नान कर चुके हैं. वही अब कुंभ के आयोजन को लेकर तरह तरह का दावा किया जा रहा है. इसी कड़ी में वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि योगी सरकार द्वारा महाकुंभ का आयोजन वक्फ बोर्ड की जमीन पर किया जा रहा है. इस पर अब बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की प्रतिक्रिया सामने आई है.

इन सब बातों में मैं नहीं पड़ता: राज्यपाल आरिफ खान

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ओर से पटना ऑफिस में मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था. इसमें एनडीए के तमाम नेता शामिल हुए. इनके साथ ही प्रदेश के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी इस भोज में शामिल हुए.  यहां उन्होंने पूरे देश और प्रदेश को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं. इसके साथ ही मीडिया से बातचीत के दौरान राज्यपाल ने कहा कि मकर संक्रांति बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है हमारी जिंदगी में इसका बहुत अच्छा असर पड़े, ऐसी मेरी कामना है. वहीं जब उनसे पूछा गया कि वक्फ बोर्ड की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उनकी जमीन पर कुंभ का आयोजन हो रहा है. इस सवाल के जवाब पर राज्यपाल ने कहा कि इन सब बातों में मैं नहीं पड़ता, जो अच्छी बातें हैं वो पॉजिटिव रखिए. इस दौरान उन्होंने बताया कि वे खुद महाकुंभ में शामिल होने के लिए तीन दिनों के लिए जाएंगे. योगी सरकार के अलावा उन्हें तीन धार्मिक नेताओं ने  भी महाकुंभ में आने का न्यौता दिया है.

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आरिफ मोहम्मद खान के साथ मेरे पिता का पुराना संबंध: चिराग 

दही-चूड़ा भोज में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमने विनम्रतापूर्वक राज्यपाल को दही चूड़ा कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया था. मैं उनका आभारी हूं कि उन्होंने इस निमंत्रण को स्वीकार किया. मेरे परिवार की इच्छा थी कि राज्यपाल भी दही-चूड़ा कार्यक्रम में आएं. क्योंकि उनसे पुराने संबंध रहे हैं. मेरे पिता के साथ उन्होंने मंत्रिमंडल में काम भी किया. महाकुंभ को लेकर कहा कि हम सभी को जाना चाहिए. अब यह अवसर 144 साल बाद ही मिलेगा. किसी भी भारतीय को यह अवसर नहीं छोड़ना चाहिए.

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