Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पूजा कल, जानें पूजा विधि, सामग्री और व्रत संकल्प लेने का नियम

Mahashivratri 2022 : 1 मार्च 2022 दिन मंगलवार को महाशिवरात्रि का पर्व है. इस दिन व्रत रखने से भगवान भोले नाथ शीघ्र प्रसन्न हो जाते है. इस दिन महाशिवरात्रि का व्रत जो भी करते है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2022 5:07 PM

आज महाशिवरात्रि का पर्व है. देवों के देव भगवान भोले नाथ के भक्तों के लिये महाशिवरात्रि का व्रत विशेष महत्व रखता हैं. यह पर्व फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है. इस वर्ष 2022 में यह शुभ उपवास, 1 मार्च 2022 मंगलवार के दिन का रहेगा. इस दिन व्रत रखने से भगवान भोले नाथ शीघ्र प्रसन्न हों, उपवासक की मनोकामना पूरी करते हैं. इस व्रत को सभी स्त्री-पुरुष, बच्चे, युवा, वृद्धों के द्वारा किया जा सकता हैं.

आज जरूर करें ये काम

एक मार्च 2022 दिन मंगलवार को विधिपूर्वक व्रत रखने पर तथा शिवपूजन, रुद्राभिषेक, शिवरात्रि कथा, शिव स्तोत्रों का पाठ व “उँ नम: शिवाय” का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता हैं. व्रत के दूसरे दिन यथाशक्ति वस्त्र-क्षीर सहित भोजन, दक्षिणादि प्रदान करके संतुष्ट किया जाता हैं.

चार प्रहर पूजन अभिषेक विधान

  • प्रथम प्रहर- सायं 6:00 से रात्रि 9:00 बजे तक

  • द्वितीय प्रहर- रात्रि 9:00 से रात्रि 12:00 बजे तक

  • तृतीय प्रहर- रात्रि 12:00 से रात्रि 3:00 बजे तक

  • चतुर्थ प्रहर- रात्रि 3:00 से प्रातः 6:00 बजे तक

शिवरात्री व्रत की महिमा

मान्यता है कि इस दिन महाशिवरात्रि का व्रत जो भी करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह व्रत सभी पापों का क्षय करने वाला है, व इस व्रत को लगातार 14 वर्षों तक करने के बाद विधि-विधान के अनुसार इसका उद्धापन कर देना चाहिए.

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महाशिवरात्री व्रत का संकल्प

व्रत का संकल्प सम्वत, नाम, मास, पक्ष, तिथि- नक्षत्र, अपने नाम व गोत्रादि का उच्चारण करते हुए करना चाहिए. महाशिवरात्री के व्रत का संकल्प करने के लिये हाथ में जल, चावल, पुष्प आदि सामग्री लेकर शिवलिंग पर छोड दी जाती है.

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