मकर संक्रांति पर गोपालगंज की मां थावे वाली के दर्शन के लिए विदेश से आते हैं भक्त, जानिए मंदिर का इतिहास
Makar Sankranti 2024: बिहार में 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. इसके लिए हर जगह खास तैयारी चल रही है. वहीं, गोपालगंज की मां थावे वाली के दर्शन के लिए कई लोग पहुंचेंगे.
Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर बिहार के गोपालगंज जिले में मां थावे वाली के दर्शन के लिए विदेश से भी भक्त आते हैं. यहां मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनायी जायेगी. इस मौके पर मकर संक्रांति को लेकर शक्तिपीठ थावे दुर्गा मंदिर में तैयारी शुरू हो गयी है..यहां मकर संक्रांति के मौके पर मंदिर समिति की ओर से माता को खिचड़ी का महाभोग चढ़ेगा. इसके साथ ही श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण होगा. ऐसी मान्यता है कि मां थावे वाली की दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है. यहां नेपाल से लेकर यूपी और पश्चिम बंगाल से काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. मां थावे मंदिर की कहानी चेरोवंश के राजा मनन सिंह से जुड़ी हुई है.
भक्त की पुकार पर मां हुई थी प्रकट
मान्यता के अनुसार राजा के जिद्द पर भक्त रहषु ने माता का आह्वान किया था और माता ने भक्त रहषु का मस्तक चीर कर दर्शन दिया था. इसके बाद से ही यहां घने जंगलों के बीच मां सिहासनी विराजमान हैं, जिन्हें थावेवाली के नाम से भक्त पुकारते हैं. यह सालों पुराना शक्ति पीठों में से एक है. यहां चैत्र और शारदा नवरात्रि के दौरन पूजा की जाती है. इसके अलावा मकर संक्रांति के मौके पर भी यहां पर खास आयोजन किया जाता है. बिहार के अलावा दूसरे प्रदेशों से भी यहां भक्त आते हैं. इसके अलावा नेपाल से भी यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. मंदिर के प्रति लोगों की विषेष महत्वता है. गोपालगंज जिला मुख्यालय से छह किलोमीटर दूर सीवान- गोपालगंज मुख्य मार्ग पर यह मंदिर अवस्थित है. माना जाता है कि भक्त की पुकार पर कभी यहां मां प्रकट हुई थी.
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मंदिर में पहुंचते है पर्यटक
वहीं, नवरात्री के मौके पर यहां खास मेले का आयोजन किया जाता है. लोगों के अनुसार इस मंदिर में पूजा करने से उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. अष्टमी के दौरान यहां बलि का प्रावधान है. इसे हथुआ राजपरिवार की ओर से ही पूरा किया जाता है. जानकारी के अनुसार हथुआ परिवार के अधीन ही यह स्थान हुआ करता था. फिलहाल. इस मंदिर में कई पर्यटक पहुंचते हैं. यहां गोपालगंज शहर से आसानी से प्रवेश किया जा सकता है. आवागमन की बढ़िया सुविधा है. ऑटो आसानी से मिल जाता है. यह भी एक कारण है कि यहां दूर- दूर से लोग भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. यह मंदिर पीठ के रुप में मान्य है. यह दुर्गा मंदिर वन से घिरा हुआ है. यहां प्रसासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते है. मकर संक्रांति के दौरान यहां पूजा का महत्व भी है. मंदिर में लोगों की काफी भक्ति है. कई लोग यहां प्रसाद ग्रहण करते हैं. कहा जाता है कि सालों भर यहां दो बार दिन में आरती की जाती है. रेलवे स्टेशन इस मंदिर से काफी नजदीक है. जंक्शन के करीब हॉल्ट भी है. नवरात्रि के दौरान हॉल्ट पर भी यहां ट्रेनों का ठहराव प्रदान किया जाता है. कई सालों से यहां देवी की पूजा – अर्चना करने के लिए पहुंचते है.