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बेरोजगारी की समस्या का समाधान करेगा मखाना उद्योग, बोले संजय झा- नौकरी मांगनेवाला नहीं, देनेवाला बनेगा मिथिला

संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार का कोई-न-कोई उत्पाद/ व्यंजन देश-दुनिया की हर थाली में पहुंचे. उनके इस सपने को साकार करने में मिथिला का स्वास्थ्यबर्धक मखाना सबसे बड़ी भूमिका निभाने की क्षमता रखता है.

पटना/ मधुबनी. जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि मिथिला की बेरोजगारी और पलायन की समस्या को खत्म करने में मखाना उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका रहनेवाली है. मखाना उद्योग इस इलाके को नौकरी देनेवाला इलाका बनायेगा. मधुबनी जिले के अरेर (बेनीपट्टी) में एक मखाना प्रोसेसिंग यूनिट का शुभारंभ करते हुए संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार का कोई-न-कोई उत्पाद/ व्यंजन देश-दुनिया की हर थाली में पहुंचे. उनके इस सपने को साकार करने में मिथिला का स्वास्थ्यबर्धक मखाना सबसे बड़ी भूमिका निभाने की क्षमता रखता है. नीतीश सरकार मखाना की खेती को बढ़ावा देने और देश-विदेश में इसकी ब्रांडिंग तथा बिक्री बढ़ाने के लिए के लिए कई स्तरों पर प्रयास कर रही है. हमें विश्वास है, आने वाले समय में मिथिला की बेरोजगारी और पलायन की समस्या के समाधान में मखाना उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

बिहार ने पाया है पांच बार प्रतिष्ठित ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’

संजय कुमार झा ने कहा कि नीतीश कुमार जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री थे, तब उन्होंने 28 फरवरी 2002 को राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा की स्थापना करवाई थी. इस केंद्र का उद्देश्य मखाना की खेती के लिए संभावनाएं टटोलना और नये बीज का अनुसंधान कर उत्पादन बढ़ाना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में बिहार में तीन कृषि रोडमैप को सफलता पूर्वक धरातल पर उतारने के कारण कृषि और पशुपालन की गतिविधियों का कायाकल्प हुआ है. इस दौरान प्रमुख अनाजों के उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बिहार को केंद्र सरकार से पांच बार प्रतिष्ठित ‘कृषि कर्मण पुरस्कार’ हासिल हो चुका है.

मखाना मिथिला का एक कृषि उत्पाद ही नहीं, विशिष्ट पहचान भी

संजय कुमार झा ने कहा कि पौष्टिकता एवं औषधीय गुणों से परिपूर्ण मखाना मिथिला का एक प्रमुख कृषि उत्पाद ही नहीं, मिथिला की विशिष्ट पहचान भी है. दुनिया में कुल मखाना उत्पादन का करीब 85 प्रतिशत मिथिला में होता है. नीतीश सरकार द्वारा शुरू की गई मखाना विकास योजना के तहत मखाना के उच्च प्रजाति के बीज को अपनाने पर लागत मूल्य का 75 प्रतिशत (अधिकतम 72,750 रुपये प्रति हेक्टेयर) सहायता अनुदान प्रदान किया जाता है. उच्च प्रजाति का बीज अपनाने से मखाना की उत्पादकता 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़ कर 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है. उच्च प्रजाति के बीज ‘स्वर्ण वैदेही’ को मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा, जबकि ‘सबौर मखाना-1’ को भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय पूर्णिया में तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही जल जमाव वाले गड्ढों में मखाना की बेहतर खेती और उत्पादन हेतु प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है.

किसानों को मिल रही मखाना प्रसंस्करण की ट्रेनिग

मिथिला के बहुत से किसानों ने मखाना की खेती और उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर एक नई शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जीविका द्वारा हजारों महिलाओं को, जबकि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सैकड़ों किसानों को मखाना प्रसंस्करण की ट्रेनिग दी गई है. साथ ही, बहुत से उत्पादकों को मखाना के उत्पादन और प्रोसेसिंग से लेकर बेहतर मार्केटिंग तक की ट्रेनिंग दी गई है और उन्हें किसानों का समूह बनाने के लिए प्रेरित किया गया. दर्जनों कंपनियों को आधुनिक तकनीक अपना कर मखाना के बेहतर प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग की ट्रेनिंग प्रदान की गई है. कोरोना काल में बाहर से लौटे श्रमिकों को बिहार में ही रोजगार उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले में दरभंगा और मधुबनी जिले के सैकड़ों श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर मखाना उद्योग में लगाया गया.

मखाना-सह-मत्स्यपालन के मॉडल पर चल रहा शोध

संजय कुमार झा ने कहा कि जलजमाव वाले क्षेत्रों में मखाना-सह-मत्स्यपालन का एक बेहतर मॉडल विकसित करने पर भी शोध चल रहा है. बिहार के बेकार पड़े चौर तथा जलजमाव वाले क्षेत्रों का उचित विकास कर वहां मखाना के साथ मछली पालन के बेहतर मॉडल अपना कर किसानों की सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति के साथ-साथ स्वरोजगार एवं उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सकता है. संजय कुमार झा ने मिथिला में मखाना प्रोसेसिंग यूनिट खोलने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि मिथिला का बेटा अब नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बना है. इस उद्योग में मखाना के अनेक प्रकार के व्यंजन तैयार होंगे. इससे क्षेत्र में मखाना की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा. कार्यक्रम को बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ सहित अनेक गणमान्य जनों ने संबोधित किया.

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