पटना. जहरीली शराब पीनेवालों के पक्ष में सरकार के सहयोगी माले भी उतर गयी है. भाकपा माले के विधायक ने पत्रकारों से बात करते हुए साफ शब्दों में कह दिया कि जहरीली शराब से हुई मौत पर सरकार को मुआवजा देना होगा. अगर सरकार मुआवजा देने से इनकार करती है तो पार्टी पूरे बिहार में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी. पार्टी के विधायक मनोज मंजिल ने मौत के आंकड़ों पर भी सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि मद्य निषेध विभाग के मंत्री के पास जो आंकड़ा है वह सही नहीं है.
माले विधायक मनोज मंजिल ने कहा है कि उनकी पार्टी के लोग छपरा जाकर खुद का डेटा तैयार किया है. बहुत से शवों का तो पोस्टमार्टम ही नहीं किया गया है. पुलिसकर्मियों के दबाव में बिना पोस्टमार्टम कराये ही शवों का दाह संस्कार कर दिया गया है. विधायक ने कहा कि थानेदार को निलंबित करने से कुछ नहीं होगा, सरकार को वहां के एसपी और डीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है. मनोज मंजिल ने कहा है कि बिहार में शराब माफिया जो मौत का कारोबार कर रहे हैं, वह बिना राजनीतिक और आधिकारिक संरक्षण के संभव नहीं है.
माले विधायक ने बताया कि जो लोग इस घटना में मारे गये हैं, सभी गरीब और भूमिहीन लोग है. इस घटना के बाद उनके बच्चे अनाथ हो गये हैं, महिलाएं विधवा हो गयी हैं. ऐसे में सरकार को अपने नागरिकों को प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए. उन्होंने मांग की है कि सरकार हर पीड़ित परिवार को कम से कम 10 लाख रुपए का मुआवजा दे. शराब के कारण जिन लोगों का परिवार बर्बाद हो चुका है सरकार को उन परिवारों को प्रति अपनी संवेदना दिखानी चाहिए.
एक सवाल के जबाव में माले विधायक ने कहा कि तेजस्वी यादव शराब कांड को लेकर सॉफ्ट नहीं है, वे भी चाहते हैं कि जो लोग जहरीली शराब से मारे गये हैं, उन्हें मुआवजा मिले. उन्होंने कहा कि माले जन आंदोलन की पार्टी है, अगर पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिलता है, तो माले आने वाले दिनों में सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी.