Opposition Meeting : केंद्र की नीतियों और भाजपा के खिलाफ 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने के लिए राजनीतिक दिग्गज गुरुवार दोपहर बाद से ही पटना पहुंचने लगेंगे. इनमें प्रमुखता से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आप के सांसद संजय सिंह व राघव चड्ढा, नेशनल काॅन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला व पीडीपी की महबूबा मुफ्ती सहित वाम दल के नेता शामिल हैं.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, के सी वेणुगोपाल, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना (उद्धव गुट) से उद्धव ठाकरे, सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित अन्य नेताओं को 23 जून की सुबह पटना पहुंचने की संभावना है.
सूत्रों के अनुसार एयरपोर्ट से उनको राजकीय अतिथिशाला सहित अन्य होटल तक लाने, खाने-पीने, ठहरने-विश्राम, सुरक्षा सहित तमाम जरूरी सुविधाओं की बेहतरीन तैयारियां की गयी हैं. इनकी व्यवस्था की जिम्मेदारी एक मंत्री को दी गयी है. साथ ही विपक्षी एकता के लिए शुक्रवार की बैठक को लेकर हरेक पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है. बेहतरीन आतिथ्य सत्कार की तैयारी हो रही है. मौसम का ध्यान रखते हुये सभी अतिथियों के खान-पान की व्यवस्था हो रही है. इसमें बिहार के विशेष व्यंजन और फल में शामिल लिट्टी-चोखा, मखाना-खीर, जर्दालु आम आदि भी परोसे जायेंगे.
सूत्रों के अनुसार राजधानी पटना में 18 दलों की विपक्षी एकता की ऐतिहासिक बैठक का आयोजन मुख्यमंत्री आवास स्थित नेक संवाद में होने की संभावना है. साथ ही विभिन्न राज्यों से पटना पहुंचने वाले अतिथियों को रुकने के लिए राजकीय अतिथिशाला को तैयार किया गया है. वहां अतिथियों के रुकने के लिए कुल 17 बेहतरीन कमरे हैं. इसके अलावा अन्य मुख्य होटल की भी व्यवस्था की गयी है.
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सूत्रों के अनुसार इस बैठक में जुटने वाले राजनीतिक दिग्गज आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे. इसके लिए सबसे पहले आपसी समन्वय के लिए कन्वेनर चुने जायेंगे. साथ ही राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय चुनावी रणनीतियों पर भी चर्चा होगी. कई राजनीतिक दल एक दूसरे के विरोध में चुनाव लड़ते रहे हैं, ऐसे में सभी की राय से एक साझा कार्यक्रम तय करने की कोशिश होगी. साथ ही चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद सरकार बनाने की संभावनाओं में राजनीतिक दलों भूमिका की भी चर्चा होगी.