मां ने बेटी को जन्म लेते ही ठुकराया, नर्स ने स्वीकारा, कहा- सप्तमी के दिन देवी आई हैं, मैं इसे पालूंगी
चनपटिया स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी ममता कार्यकर्ता रीमा देवी ने बताया कि नवरात्रि की सप्तमी के दिन यह कन्या देवी के रूप में मेरे घर आई है.
बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले से एक ह्रदय विदारक घटना सामने आई हैं. शारदीय नवरात्र के सप्तमी के मौके पर जहां हर जगह आज मां देवी के स्वरूप की पूजा हो रही है, वहीं चनपटिया में बेटी के पैदा होने पर उसकी मां ने उसे अपनाने से इंकार कर दिया. लेकिन, जिस बेटी के जन्म होने पर मां ने ठुकराया उसे देवी का स्वरूप समझकर अस्पताल की ममता कार्यकर्ता ने अपना लिया है.दरअसल, बिहार के सीएचसी के पालना में एक नवजात बच्ची को छोड़कर उसकी मां चली गयी. यह घटना शनिवार सुबह की है. इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को मिलते ही तत्काल उस नवजात की ड्यूटी पर तैनात एएनएम देख रेख करने लगी. फिर इसकी सूचना सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रदीप कुमार को भी दी गई. इसके बाद इसकी सूचना स्थानीय थाना को भी दी गई. मामले की सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष मनीष कुमार व डॉ.प्रदीप कुमार ने प्रसूता महिला से तत्काल संपर्क किया. इन लोगों के पहल पर नवजात की मां को बुलवाकर बच्ची को सौंप दिया गया. लेकिन, महिला वहां से निकालकर फिर नवजात को किसी अन्य महिला को सौंप अपने घर चली गयी.
बताया जाता है कि नवजात बच्ची की मां चुहड़ी निवासी रामबाबू कुमार की पत्नी नीतू देवी है. शुक्रवार की रात्रि करीब 10.18 पर प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी लाया गया.यहां उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया.नवजात के जन्म के बाद शनिवार को सुबह उसकी मां उसे चुपके से पालना में रख कर चली गयी. नवजात बच्ची की मां नीतू देवी ने बताया कि उसे पूर्व से ही तीन लड़की और एक लड़का 10 साल का है.उसका कहना था कि हम गरीब परिवार से है. पहले से ही चार बच्चे हैं. अब यह पांचवीं हो गयी. हम इसकी परवरिश करने में सक्षम नहीं हैं. इसलिए हम बच्ची को छोड़कर चले गए. उसने बताया कि 10 साल पूर्व उसका बच्चा बंद होने वाला ऑपरेशन भी किया जा चुका है. कई लोग बंध्याकरण ऑपरेशन के विफल होने पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं.
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वहीं ड्यूटी पर तैनात ममता कार्यकर्ता रीमा देवी ने उसे बेटी के रूप में स्वीकार कर लिया. ममता कार्यकर्ता ने बेटी बनाकर बच्ची को अपनाया और कहा कि देवी की स्वरूप है यह लड़की. चनपटिया स्वास्थ्य केंद्र से जुड़ी ममता कार्यकर्ता रीमा देवी ने बताया कि नवरात्रि की सप्तमी के दिन यह कन्या देवी के रूप में मेरे घर आई है.