भागलपुर के जोगसर थाना क्षेत्र के आदमपुर चौक स्थित तपस्वी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गयी. इसके बाद मरीज के परिजन और कर्मचारी के बीच विवाद के बाद मारपीट हो गयी. आधे घंटे तक दोनों पक्षों के बीच मारपीट होती रही. घटना को कवर करने लगे पोर्टल एवं चैनल के पत्रकारों ने बताया कि उन्हें लिफ्ट में एक तरह से बंद कर दिया गया. डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाने के बाद मामला शांत हुआ.
मरीज की मौत के बाद आक्रोशित हुए परिजन
तपस्वी नर्सिंग होम में रविवार को नाथनगर नसरतखानी निवासी कपिलदेव सिंह के पुत्र अमित कुमार को भर्ती किया गया था. अमित की स्थिति गंभीर होने से उसे आइसीयू में रखा गया था. सोमवार शाम अचानक अमित की तबीयत बिगड़ी और मौत हो गयी. इसके बाद परिजन चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे. परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि चिकित्सक ने कहा था अमित की हालत स्थिर है. हमलोगों ने भरोसा किया. अचानक शाम को अमित की सांस तेजी हो गयी. इलाज करनेवाले डॉक्टर से इसके बारे में कहा. किसी ने ध्यान नहीं दिया. परिणाम अमित की मौत हो गयी.
हमारे साथ हुआ गलत व्यवहार: परिजन
आरोप लगाते परिजनों ने कहा इसके बाद हमारे साथ ही गलत व्यवहार किया गया. कर्मी हमारे साथ मारपीट करने लगे. वहीं नर्सिंग होम कर्मी का कहना था कि किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है. मरीज की मौत हार्ट अटैक से हुई है. अमित का इलाज पहले से किसी दूसरे चिकित्सक के यहां चल रहा था. रविवार को मरीज को नर्सिंग होम लाया गया. मरीज की हालत गंभीर थी. इसकी जानकारी परिजनों को दी गयी थी. मरीज के परिजन गाली गलौज कर रहे थे. उनको शांत करने का प्रयास किया गया. इसके बाद वे लोग मारपीट करने लगे. नर्सिंग होम के सामने अचानक दोनों पक्ष आपस में गाली गलौज करते हुए आमने सामने हो गये. कोई लाठी चला रहा था तो कोई हाथ. दोनों पक्षों के बीच जम कर मारपीट हुई. अंत में स्थानीय लोगों व पुलिस की मदद से सभी को शांत किया गया .
लिफ्ट में फंसे तो पुलिस को बुलाया
घटना की जानकारी पर न्यूज चैनल एवं पोर्टल के पत्रकार मौके पर पहुंचे. इन सभी का आरोप है कि हम लोग डॉक्टर का पक्ष जानने के लिए लिफ्ट से ऊपर जा रहे थे. अचानक लिफ्ट बंद कर दिया गया. हमें लगा लाइट चली गयी. आधे घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे. इसके बाद डीएसपी एवं डायल 112 को कॉल किया गया. पुलिस आयी तो जेनरेटर चला कर हमें लिफ्ट से बाहर निकाला गया.
क्या कहते हैं चिकित्सक
मारपीट मामले में डॉ मृत्युंजय कुमार ने बताया सेमिनार में भाग लेने बाहर गये थे. घटना के बाद अस्पताल पहुंचे. पूरे मामले की जानकारी ली जा रही है. जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं.