पटना से दिल्ली जा रही फ्लाइट में बैठे युवक ने कहा- मेरे पास बम है, फ्लाइट रद्द, 5 घंटे तक रही अफरा-तफरी

मानसिक रूप से परेशान युवक ने गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पर बम की अफवाह उड़ा दी. इसके कारण करीब पांच घंटे तक एयरपोर्ट पर अफरातफरी मची रही. बम की सूचना मिलते ही फ्लाइट में बैठ चुके 134 यात्रियों को नीचे उतारा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 22, 2022 6:50 AM

पटना. मानसिक रूप से परेशान युवक ने गुरुवार को पटना एयरपोर्ट पर बम की अफवाह उड़ा दी. इसके कारण करीब पांच घंटे तक एयरपोर्ट पर अफरातफरी मची रही. बम की सूचना मिलते ही फ्लाइट में बैठ चुके 134 यात्रियों को नीचे उतारा गया. रात 10 बजे बम स्क्वायड और एटीएस की टीम ने बारीकी से पूरी फ्लाइट की तलाशी ली. करीब तीन घंटे की जांच के बाद रात करीब एक बजे फ्लाइट को कैंसिल कर दिया गया.

दिल्ली नहीं जाना चाहता था युवक

मामला रात नौ बजे तब सामने आया, जब निर्धारित समय से करीब आधा घंटा देर से पटना से दिल्ली जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6इ2126 में 24 वर्षीय युवक ऋषि चंद्र सिंह बेदी अजीब हरकत करने लगा. उसके पिता गुरुप्रीत सिंह ने उसे ऐसा करने से मना किया. पिता की बात सुन ऋषि जोर से चिल्लाया कि मेरे पास बम है, मार देंगे. इतना सुनते ही विमान में बैठे पैसेंजरों में हड़कंप मच गया. इंडिगो के स्टाफ ने फौरन इसकी सूचना सीआइएसएफ को दी.

डॉक्टरों की टीम ने ऋषि की जांच की

इसके बाद सीआइएसएफ के कर्मियों ने उस युवक को विमान से नीचे उतार कर पूछताछ शुरू कर दी. युवक के पिता ने बताया कि उनका बेटा हाजीपुर में गोदरेज कंपनी में काम करता है. वह मानसिक रूप से परेशान है, जिसकी वजह से दिल्ली नहीं जाना चाहता. इसलिए उसने विमान में बम होने की बात कही. गुरुप्रीत सिंह सेना के रिटायर्ड कर्नल हैं और दिल्ली में रहते हैं. वे अपनी पत्नी के साथ बेटे को दिल्ली ले जाने के लिए पटना आये थे. एयरपोर्ट पर डॉक्टरों की टीम ने ऋषि की जांच की. डॉक्टरों ने बताया कि ऋषि हाइपर टेंशन का मरीज है. अभी वह नॉर्मल नहीं है. उसे ठीक होने में कम से कम तीन-चार दिन लगेंगे.

यात्रियों को उतार कर विमान की चली तलाशी

युवक के मानसिक रूप से परेशान दिखने के बावजूद बम की आशंका जाहिर करने को सीआइएसएफ ने हल्के में नहीं लिया और यात्रियों को उतार कर विमान की सघन तलाशी ली. सिक्युरिटी होल्ड एरिया, चेक इन एरिया, पार्किग बे और रनवे के साथ एयरपोर्ट परिसर की तलाशी ली गयी. इसमें डॉग स्क्वायड की भी मदद ली गयी. हालांकि, लगभग तीन घंटे तक चली तलाशी में कहीं भी कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.

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