Bihar news: पूर्णिया में एक व्यक्ति को उठाकर पुलिस थाने लेकर आई. एक एजेंसी में काम करने वाले उक्त व्यक्ति पर मालिक ने पैसे गबव करने का आरोप लगाया था. सीमेंट एजेंसी के मालिक ने उसपर गंभीर आरोप लगाए और पुलिस को सौंप दिया. व्यक्ति का आरोप है कि उसे पुलिस ने 36 घंटे तक हाजत में रखकर काफी टॉर्चर किया. वहीं जब पुलिस ने उसे छोड़ा तो थाना से बाहर आते ही उसने जहर पी लिया. जिससे उसकी हालत बिगड़ गयी. एजेंसी मालिक पर कई दस्तावेजों पर जबरन सिग्नेचर कराने का आरोप है.
पुलिस पर यातना देने का आरोप लगाकर एक व्यक्ति ने जहर पी लिया. जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो आनन फानन में उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. पीड़ित अनिल कुमार साह किशनगंज जिले के धर्मगंज अंतर्गत केला बगान का रहने वाला है. रविवार को होश आने के बाद पीड़ित कर्मी अनिल कुमार साह बताया कि शुक्रवार को सीमेंट एजेंसी के मालिक ने उसपर तीस लाख रुपये गबन का आरोप लगा कर रानीपतरा बुलाया. जहां पहले से ही मुफस्सिल थाने की पुलिस मौजूद थी. रुपये गबन करने के आरोप को जब उसने नहीं माना तो उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया.
पीड़ित ने आरोप लगाया कि थाने में उसे बुरी तरह पीटा गया और तरह-तरह से यातना भी दी गयी. सीमेंट एजेंसी के मालिक के दबाव में आकर उसे पुलिस द्वारा डराया धमकाया जाता रहा. इसी दौरान उससे एक ब्लेंक चेक, एक हजार के एक स्टांप एवं चार सादे कागज पर जबरन दस्तखत करा लिया गया. वे लोग कहने लगे कि अब तुम्हारे बीबी बच्चा रोड पर भीख मांगेगा. इतना होने के बाद वह सोचने लगा कि अब उसके पास क्या बचा. वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. यही सोचकर उसने शनिवार की देरशाम को जहर खाकर दुनिया छोड़ देने का कठोर निर्णय लिया.
Also Read: बिहार: मजदूरों को लग चुकी थी सुल्तानगंज -अगुवानी पुल गिरने की भनक, सतर्क होने की वजह से टला बड़ा हादसा
इधर पीड़ित के बहनोई आनंद कुमार गुप्ता एवं छोटे भाई सुनील साह ने बताया कि जब अनिल साह को मुफस्सिल थाने में यातना दी जा रही थी, इसी दौरान एजेंसी मालिक के कुछ आदमियों ने धर्मगंज स्थित उसके घर जाकर 70 हजार रुपये नगद, पत्नी रूबी साह एवं बच्चे के सोने की चेन और बाली ले लिया. घर से बैंक का एक ब्लेंक चेक भी वो साथ लेकर गए.
30 लाख रुपये गबन करने को लेकर सीमेंट एजेंसी के प्रोपराइटर द्वारा सेल्स कर्मी अनिल कुमार साह के विरुद्ध आवेदन दिया गया. पुलिस के पूछताछ में उसने रुपये गबन करने की बात स्वीकार की और 10-15 दिनों में रुपये लौटा देने का भरोसा दिलाया. इसके बाद थाना की पुलिस द्वारा पीआर पर उसे शनिवार को छोड़ दिया गया. थाना से निकलने के बाद रुपये गबन करने की मंशा से जहर खाने का नाटक किया है.
पुष्कर कुमार,सदर एसडीपीओ,पूर्णिया