दरभंगा. राज परिवार द्वारा संचालित महाराजा कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास के बहुमूल्य जेवरात एसबीआई के लॉकर से अवैध तरीके से निकाल कर बेच देने का मामला प्रकाश में आया है. जेवरातों का बाजार मूल्य 200 करोड़ से अधिक बताया जा रहा है. इस संबंध में दरभंगा महाराज सर कामेश्वर सिंह के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह ने विश्वविद्यालय थाने में लिखित सूचना दी. सूचना मिलते ही दरभंगा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ट्रस्ट के मैनेजर केदार मिश्र एवं उदय नाथ झा को हिरासत में लेकर पूछताछ की. दोनों आरोपियों के निशानदेही पर स्वर्ण व्यवसायी शत्रुघ्न लाल की दुकान से कई जेबरात बरामद किये गये. स्वर्ण व्यवसायी शत्रुघ्न लाल सहित तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
चार देशों में 108 मंदिर का करता है संचालन
कुमार कपिलेश्वर सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमलोग का एक ट्रस्ट हैं, जिसे मेरे दादा सर कामेश्वर सिंह ने बनाया था. इसके अंदर चार देशों में 108 मंदिरों का संचालन होता है. ट्रस्ट के पास मंदिर, पोखर, जमीन और जेवरात भी है. जिसे ट्रस्ट के न्यासी ने एसबीआई के लॉकर में रख दिया गया था. मुझे पता चला कि मैनेजर और उदय नाथ झा ने लॉकर खोलकर आभूषण निकालकर जेवरात बेच दिया है. उन्होंने कहा कि सूचना मिलने के बाद मैं दरभंगा आया हूं. मैनेजर से बात किया तो उसने स्वीकार करते हुए कहा कि उदय नारायण झा ने यह कार्य करने के लिए कहा था. इसके बाद मैंने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवदेन दिया है. वहीं उन्होंने कहा की ये बहुत बड़ा घोटाला है इसमें सीबीआई जांच होनी चाहिए. ईडी से जांच होनी चाहिए.
मैनेजर ने स्वीकारी संलिप्तता, 3 को हिरासत में
पूरे मामले पर सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी थाने में दरभंगा राज परिवार के कपिलेश्वर सिंह के द्वारा मामला दर्ज कराया गया है. जिसकी कांड संख्या 34/24 है. आवेदन में बताया गया है कि ट्रस्ट के प्रबंधक ने फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए मूल्य के जेवरात बैंक के लॉकर से अवैध तरीके से निकाल कर बेच दिया गया था. मामले को संज्ञान में लेते हुए पूछताछ की गई. जहां तकनीकी अनुसंधान करते हुए रेड किए गए. मामले के दर्ज होने के एक घंटे के अंदर काफी मात्रा में जेवरात बरामद किया गया है. साथ ही एक स्वर्णकार को हिरासत में लिया गया है. अभी 3 लोग गिरफ्तार हुए हैं. बाकी मामले की जांच की जा रही है.
जेवरातों को निकालकर बेच दिया
थाने में दिये आवेदन में महाराजा कामेश्वर सिंह के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह ने कहा है कि महारानी अब काफी वृद्ध हो चुकी है, जिसके कारण वे अपने होशो हवास में नहीं रहती है. इसका बात का फायदा उठाकर उपरोक्त उदयनाथ झा ने कामेश्वर सिंह धार्मिक न्यास के देवी देवताओं के मंदिर के करोड़ों की बेशकीमती संपत्ति को बेच दिया. अपने आवेदन में उन्होंने महारानी कामसुंदरी देवी के एटॉनों उदयनाथ झा उर्फ विष्णु और कामेश्वर धार्मिक न्यास के प्रबंधक केदारनाथ मिश्र एवं अन्य को नामजद आरोपित बनाया है.
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कामेश्वर सिंह के पौत्र कुमार कपिलेश्वर सिंह ने अपने आवेदन में कहा कि कामेश्वर धार्मिक न्यास के बायोलॉज के अनुसार यदि ट्रस्ट जिसकी वर्तमान में एकमात्र ट्रस्टी महारानी हैं, उनके द्वारा अगर सही ढंग से ट्रस्ट का कार्य नहीं किया जाता है, तो राज परिवार के किसी भी पुरुष सदस्य को जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसी नियम के तहत जिला प्रशासन को उपरोक्त बातों की सूचना दे रहा हूं. ताकि देवी देवताओं के बहुमुल्य जेवरातों की बरामदगी की जा सके और दोषियों को उचित सजा मिल सके.