बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कोरोना महामारी के साथ ही उससे उत्पन्न ब्लैक फंगस से बचाव की गंभीर कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि दवाओं उपलब्धता पर विभाग द्वारा नजर रखी जा रही हैं. ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज पर सरकार द्वारा प्रति मरीज चार-पांच लाख तक की दवा सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दी जा रही है. इससे मरीजों की जान को बचाया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ब्लैक फंगस से बचाव की दवा एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की अब तक लगभग 14 हजार वायल राज्य के विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध करायी गयी है.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है स्वास्थ्य विभाग की तत्परता और लोगों की जागरूकता से राज्यवासी कोरोना पर विजय प्राप्त किया जा रहा है. नागरिकों की सक्रियता का ही परिणाम है कि राज्य में कोरोना का संक्रमण दर जहां एक फीसदी पर आ गया है, वहीं रिकवरी रेट में लगातार इजाफा हो रहा. राज्य का कोरोना से रिकवरी रेट करीब 98 फीसदी पर चला आया है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को केंद्र से और 80 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर पटना पहुंचा है.
विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना को देखते हुए राज्य के सभी सरकारी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल समेत जिला अस्पतालों में नीकू, पीकू एवं एसएनसीयू की व्यवस्था को दुरूस्त किया जा रहा है.
श्री पांडेय ने बताया कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट एवं ट्रैकिंग के तहत कार्रवाई की जा रही है. एक मई को राज्य में कोरोना संक्रमण की दर जहां 16 प्रतिशत के करीब था, वहीं एक महीने में यह दर मात्र एक फीसदी पर आ गया है. प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा कोरोना सैंपलों की जांच हो रही है. राज्य में पांच चलंत आरटीपीसीआर जांच वाहनों द्वारा भी प्रतिदिन हजारों लोगों का कोरोना जांच किया जा रहा हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को टीकाकरण करने के लिए पूर्व से ग्र्रामीण क्षेत्रों में 718 टीका एक्सप्रेस चलाये जा रहे हैं. गुरुवार को भी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 121 टीका एक्सप्रेस को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रवाना किया गया.
Posted By : Avinish Kumar Mishra