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मनीष कश्यप पर लगा NSA जानें कितना खतरनाक है, क्यों बोले लोग- इसका कैरियर ही अब तो…

Manish Kashyap NSA Act: तमिलनाडु पुलिस ने यूट्यूबर मनीष कश्यप को एनएसए अधिनियम के तहत हिरासत में लिया है. मनीष कश्यप पर लगा ये एक्ट कितना खतरनाक है और ये पुलिस को क्या आजादी देती है. जानिए इसके पूरे इतिहास को...

Manish Kashyap NSA : तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो प्रसारित करने आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने यह जानकारी दी. मदुरै अपराध शाखा पुलिस ने कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज किया. मनीष कश्यप पर लगा NSA कितना खतरनाक है और इसका इतिहास क्या है जानिए..

एनएसए अधिनियम के तहत हिरासत में मनीष

मदुरै के पुलिस अधीक्षक शिव प्रसाद ने बताया, ‘तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी मजदूरों पर हमले का फर्जी वीडियो प्रसारित करने वाले मनीष कश्यप को एनएसए अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है.’ मनीष कश्यप को मदुरै जिला अदालत में बुधवार को पेश किया गया, जिसने उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में मदुरै केंद्रीय कारागार भेज दिया.

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देश पर खतरा महसूस होने पर लगने वाला एक्ट..

बता दें कि नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) एक ऐसा कानून है जिसमें प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति से सरकार को देश पर खतरा महसूस होता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. कोई खास खतरा महसूस होने पर पुलिस उसे इस एक्ट के तहत हिरासत में लेती है.मनीष कश्यप को भी इसी एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया है. इस कानून को 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार में बनाया गया था. देशहित में किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने की इजाजत इसमें सरकार को मिलती है.

एनएसए के तहत कार्रवाई..

एनएसए के तहत संदिग्ध को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है. इसकी अवधि बढ़ाने का भी प्रावधान है. बिना आरोप तय किए हिरासत में रखने का प्रावधान इसमें है. अंग्रेजों के शासनकाल के समय एक प्रिवेंटिव कानून था जिसका मतलब होता था कि किसी घटना की आशंका को देखते हुए पहले ही संदिग्ध को गिरफ्तार कर लेना. 1919 में रोलेट एक्ट आया जिसमें उस व्यक्ति को ट्रायल तक की छूट नहीं दी गयी.

नेहरू से लेकर इंदिरा सरकार तक की भूमिका

जब देश आजाद हुआ तो प्रधानमंत्री नेहरू ने 1950 में प्रिवेंटिव डिटेंशन एक्ट लाया और 1980 में इंदिरा गांधी सरकार ने संसद में इसे पास कराकर कानून बना दिया.मनीष कश्यप पर NSA एक्ट लगने के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आने लगी. ट्वीटर पर कुछ लोगों ने नाराजगी भी दिखाई. कुछ लोगों ने लिखा कि ये गलत है. युवा गलती करे तो सुधारें. NSA लगाकर उसका पूरा करियर बर्बाद ना करें.

सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर 10 को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट मनीष कश्यप की उस याचिका पर 10 अप्रैल को सुनवाई करेगा, जिसमें उसके खिलाफ दर्जप्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने की मांग की गयी है. मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेखित किया गया. पीठ ने कहा, “अगर वह हिरासत में है तो हम अंतरिम राहत कैसे दे सकते हैं.”

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