Manish Kashyap News: तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर फर्जी वीडियो के मामले में आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में यूट्यूबर मनीष कश्यप को लेकर अहम सुनवाई हुई. मनीष कश्यप ने अपने ऊपर तमिलनाडु पुलिस के द्वारा लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) से राहत मिलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. वहीं मनीष कश्यप के ऊपर बिहार से बाहर भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं जिसे क्लब करने की अपील सुप्रीम कोर्ट में की गयी थी. अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया. जानिए जज ने क्या कहा..
तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमले के आरोप वाले फर्जी वीडियो कथित रूप से प्रसारित करने के मामले में मनीष कश्यप को बिहार में गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद तमिलनाडु पुलिस उसे अपने साथ रिमांड पर लेकर गयी थी. मनीष कश्यप के ऊपर तमिलनाडु में भी मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं मनीष कश्यप के ऊपर तमिलनाडु पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(NSA) लगा दिया था और रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. इस बीच मनीष कश्यप ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, तमिलनाडु और बिहार की सरकारों को को नोटिस देते हुए जवाब मांगा था. तमिलनाडु सरकार से पूछा गया था कि आखिर एनएसए लगाने की क्या जरुरत पड़ी और इसका आधार क्या है. मनीष कश्यप की संशोधित याचिका पर जवाब देने को कहा गया था. मनीष कश्यप ने अपने ऊपर दर्ज प्राथमिकियों को मिलाने और गृह राज्य में हस्तांतरित करने की अपील भी की थी. तमिलनाडु सरकार की ओर से वकील अमित आनंद तिवारी ने पक्ष रखा.
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सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की बेंच ने मनीष कश्यप को छूट दी है कि वो रासुका लगाये जाने के फैसले को किसी उचित न्यायिक मंच पर चुनौती दे सकते हैं.कश्यप के खिलाफ सभी 19 प्राथमिकियों को मिलाने और उन्हें बिहार हस्तांतरित करने का अनुरोध किया गया था. अदालत ने मनीष कश्यप की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह की दलीलों को खारिज कर दिया.न्यायालय ने कहा, ‘‘हम याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं.’’