Manish Kashyap News: पटना हाइकोर्ट से मिली जमानत के आधार पर बंधपत्र दाखिल करने के बाद आर्थिक अपराध की पटना स्थित एक विशेष अदालत ने पत्रकार मनीष कश्यप को जेल से रिहा करने का आदेश जारी कर दिया. शनिवार को मनीष कश्यप जेल से रिहा हो गए. मनीष कश्यप को तमिलनाडु में बिहारियों से हिंसा के फर्जी वीडियो मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसी साल 18 मार्च को मनीष कश्यप ने बेतिया के जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद मनीष कश्यप से इओयू ने पूछताछ की थी. वहीं तमिलनाडु में भी मनीष कश्यप पर मामले दर्ज थे. तमिलनाडु की पुलिस मनीष कश्यप को लेकर गयी थी. लंबे समय तक मनीष कश्यप तमिलनाडु के ही जेल में बंद रहे. बाद में उसे बिहार लाया गया और अदालत ने बेऊर जेल में ही रखने का आदेश दिया था. मनीष कश्यप अब बेऊर जेल से बाहर आएंगे.
आर्थिक अपराध की विशेष न्यायाधीश सारिका बहालिया ने यह आदेश न्यायिक अभिरक्षा में रहते हुए हथकड़ी पहन कर संवाददाताओं को बयान देने के मामले में जारी किया, जबकि कथित रूप से तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ हिंसा के फर्जी वीडियो जारी करने के तीन अन्य मामलों में मनीष कश्यप के खिलाफ जारी पेशी वारंट को उनके अनुरोध पर वापस ले लिया. बाकी तीन मामलों में उन्हें पूर्व में ही जमानत हो चुकी थी. गौरतलब है कि पत्रकार मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारि कुमार तिवारी लंबे समय से जेल में बंद थे.
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पटना पुलिस की विशेष आर्थिक अपराध इकाई ने उनके खिलाफ तमिलनाडु में कथित रूप से बिहारी मजदूरों के खिलाफ जारी हिंसा का फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का आरोप लगाया था. बता दें कि तमिलनाडु में प्रवासी बिहारियों के साथ कथित हिंसा मामले में फर्जी वीडियो वायरल करने का आरोप मनीष कश्यप पर लगा था. मनीष कश्यप ने बेतिया में तब सरेंडर किया था जब पश्चिमी चंपारण के मंझौलिया स्थित उनके पैतृक आवास पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी गयी थी. यह कुर्की सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, मारपीट और रंगदारी के दो साल पुराने मामले में की गयी थी. वहीं मनीष कश्यप ने सरेंडर किया तो इओयू ने उनसे पूछताछ की थी. रिमांड पर लेकर मनीष कश्यप से लंबी पूछताछ की गयी थी. वहीं मनीष कश्यप को बड़ा झटका तब लगा जब तमिलनाडु पुलिस ने उसके ऊपर एनएसए का मुकदमा चला दिया था.
मनीष कश्यप लंबे समय से तमिलनाडु की जेल में बंद थे. मनीष कश्यप बिहार की जेल में खुद को ले जाने की गुहार लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे थे. वहीं बिहार में दर्ज मामले की सुनवाई के लिए जब उन्हें बिहार लाया गया तो बेतिया की अदालत ने उन्हें बिहार की जेल में ही कैद रखने का आदेश दे दिया. दरअसल, बिहार से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए मनीष कश्यप को पटना के बेऊर जेल में रखा गया. वहीं मदुरै की अदालत ने मनीष कश्यप के ऊपर लगे एनएसए को हटाने का आदेश दिया तो यूट्यूबर को बड़ी राहत मिली. मनीष कश्यप को जब बिहार लाया गया तो बड़ी तादाद में उनके समर्थक व ग्रामीण अदालत परिसर में जमा दिखे थे. वो मनीष कश्यप को हौसला देते रहे. वहीं मनीष कश्यप के घर में इन दिनों खुशी की लहर है. लंबे अरसे बाद मनीष कश्यप अब रिहा होने वाला है.