मनोज झा संसद में ‘ठाकुर का कुआं’ कविता पढ़कर क्यों घिरे? जानिए बिहार में सियासी घमासान छिड़ने की पूरी वजह..
संसद में राजद के सांसद मनोज झा ने ठाकुर का कुआं कविता पाठ पढ़ा और बिहार में इसे लेकर सियासी घमासान मच गया है. मनोज झा के ऊपर महागठबंधन के भी नेता आक्रमक दिख रहे हैं. राजद की ओर से चेतन आनंद का कड़ा बयान आया है. जानिए क्या है पूरा विवाद..
Manoj Jha Controversy: संसद में ‘ठाकुर का कुआं’ के कविता पाठ पर राजद के सांसद मनोज झा चौतरफा घिरे हुए हैं. बिहार में अब उनके इस कविता पाठ से सियासी घमासान मचा हुआ है. जदयू और भाजपा के ठाकुर नेता राजद सांसद पर हमलावर हैं. वहीं राजद विधायक चेतन आनंद ने भी मोर्चा खोल दिया और मनोज झा पर तीखा हमला बोला. अब उनके पिता सह पूर्व सांसद आंनद मोहन ने भी हमला बोला है और मनोज झा के खिलाफ कड़े शब्दों का प्रयोग किया. दूसरी तरफ अन्य राजद नेता मनोज झा के बचाव में कूदे हैं. लेकिन यह विवाद अभी थमता नहीं दिख रहा है. इस घमासान के बीच में मनोज झा ने अपने द्वारा किए गए कविता पाठ पर सफाई भी दी है.
आनंद मोहन का कड़ा प्रहार..
राजद सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में बहस के दौरान ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता का संदर्भ दिया था. अब वही कविता पाठ उनके लिए एक मुसीबत बनकर सामने आ गयी है. ”ठाकुर का कुआं” कविता मनोज झा ने संसद के अंदर पढ़ा और अब बाहर इसे लेकर घमासान छिड़ा है. राजद से भी बगावती सुर बाहर आए और विधायक चेतन आनंद ने मनोज झा के ऊपर हमला बोल दिया. चेतन आनंद बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र हैं. उन्होंने पहले फेसबुक लाइव आकर कहा कि मनोज झा ब्राह्मणों पर कविता क्यों नहीं सुनाते. वे जनता से माफी मांगे. हम चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे. कुछ लोग पार्टी के अंदर रहकर ही A TO Z का फॉर्मूला बिगाड़ना चाहते हैं. वहीं अब बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन मनोज झा पर आग बबूला हो गए हैं. पूर्व सांसद आनंद मोहन ने मीडिया में चर्चा के दौरान कहा है कि वह संसद में होते तो उनकी जीभ खींच लेते और आसन की ओर उछाल देते कहा कि आप अगर इतने ही बड़े समाजवादी हो तो झा क्यों लगाते हो?
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भाजपा व जदयू नेताओं का हमला..
जदयू के एमएलसी संजय सिंह ने मनोज झा को चेतावनी दे दी और कहा कि क्षत्रिय समाज में आग है. उसे भड़काइए मत, नहीं तो बुझा नहीं पाइएगा. हमलोग ब्राह्मणों का सम्मान करते हैं. सबसे ज्यादा क्षत्रिय समाज ही ब्राह्ममणों को सम्मान देता है. राजद इसपर संज्ञान लें. मनोज झा माफी मांगें. वहीं भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि ठाकुरों के प्रति अगर कोई मेरे सामने ऐसा बयान दिया होता तो उसकी औकात बता देता. मेरे सामने बोलते तो पटक कर मुंह तोड़ देते. भाजपा ने बुधवार को राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला फूंका. राजद पर समाज, जाति को बांटने की रणनीति का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री और विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि लालू प्रसाद एक बार फिर से चाल चले हैं. संसद में अपने सांसद मनोज झा के जरिए एक समाज को अपमानित करवाए हैं. वहीं राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि मनोज झा ने जिस कविता को पढ़ा उसका तो मैं भी प्रशंसक रहा हूं. बयान में कुछ आपत्तिजनक नहीं है. इसमें राजपूत और ब्राह्मण की बात कहां से आ गयी.
क्यों छिड़ा ये विवाद..
बता दें कि महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने संसद में ” ठाकुर का कुआं” कविता के कुछ अंशों का पाठ किया था. इसके सात दिन बाद सियासी पारा चढ़ा है. बिहार में यह सियासी मुद्दा बन गया है. दरअसल, राज्यसभा में बहस के दौरान मनोज झा ने ” ठाकुर का कुआं” कविता का कुछ अंश पढ़ा. ये कविता ओम प्रकाश वाल्मीकि की लिखी हुई है. कविता का संदर्भ देने से पहले मनोज झा ने कहा था कि यह कविता ओम प्रकाश वाल्मीकि ने लिखी और इसका संदर्भ किसी जाति विशेष से नहीं है. हम सबके अंदर एक ठाकुर है जो न्यायालय में बैठा है. विश्वविद्यालय में बैठा है. संसद की दहलीज को रोज चेक करता है. उन्होंने कविता पाठ के बीच में भी कहा कि मैं फिर से कहता हूं, वो ठाकुर मैं भी हूं. वो ठाकुर संसद में है, विश्वविद्यालयों में है. इस ठाकुर को मारो जो अंदर है. इसके बाद मनोज झा ने फिर से कविता पाठ को शुरू किया. बता दें कि उनके इस कविता पाठ पर अब जाति को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है.