मनोज मंजिल की बिहार विधानसभा में सदस्यता खत्म, भाकपा माले के विधायक को मिली है उम्रकैद की सजा

आरा एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाकपा माले के अगिआंव सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक मनोज मंजिल को जेपी सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा दिये जाने के बाद शुक्रवार को विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी.

By Ashish Jha | February 16, 2024 7:44 PM

पटना. भाकपा माले के विधायक मनोज मंजिल की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गयी है. आरा एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाकपा माले के अगिआंव सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक मनोज मंजिल को जेपी सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा दिये जाने के बाद शुक्रवार को विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी. विधानसभा सचिवालय ने अगिआंव सुरक्षित सीट को रिक्त घोषित कर चुनाव आयोग को जानकारी भेज दी है.

पहले पांच विधायकों की जा चुकी है सदस्यता

यह सीट 13 फरवरी के प्रभाव से खाली माना गया है. भाकपा माले के टिकट पर चुनाव जीतने वाले विधायक मनोज मंजिल को कोर्ट ने हत्या के एक मामले में 13 फरवरी को उम्र कैद की सजा सुनायी थी. इसकी सूचना बिहार विधानसभा को दी गयी थी. विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने मनोज मंजिल की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने का फैसला लिया. इसी दिन के प्रभाव से उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हुई है. मनोज मंजिल के पहले आपराधिक मामले में दोषी करार दिये जाने पर अनंत सिंह, अनिल सहनी, राजवल्लभ यादव, इलियास हुसेन और रामनरेश यादव की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो चुकी है.

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23 आरोपितों को मिली थी उम्रकैद की सजा

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के मुताबिक आपराधिक मामलों में सजा पाने वाले विधायक या सांसद की सदस्यता रद्द करने का प्रावधान है. इसके मुताबिक ही बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने आज आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक 13 फरवरी के प्रभाव से विधायक मनोज मंजिल की विधानसभा सद्स्यता समाप्त कर दी गयी है.13 फरवरी को आरा के एमपी-एमएलए विशेश कोर्ट ने विधायक मनोज मंजिल समेत 23 आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. मामला अगस्त 2015 में भोजपुर के बड़गांव में जय प्रकाश सिंह की हत्या का था. इस मामले में मनोज मंजिल समेत सभी दोषियों को उम्रकैद के साथ-साथ 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. उसके बाद मनोज मंजिल की विधानसभा सदस्यता रद्द होना तय हो गया है.

नहर से हुआ था शव बरामद

भोजपुर जिले के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव में माले नेता सतीश यादव की हत्या हो गयी थी. इस हत्या के एक हफ्ते बाद चौरी थाना क्षेत्र के बेरथ पुल के समीप नहर किनारे से एक शव बरामद किया गया था. शव बरामद किए जाने के बाद उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी. बाद में आरा सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के दौरान जयप्रकाश सिंह के बेटे चंदन ने उसकी शिनाख्त अपने पिता के रूप में की थी. इस मामले में जयप्रकाश सिंह के बेटे के बयान पर 24 नामजदों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इसमें मनोज मंजिल का नाम भी शामिल था.

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