EXPLAINER: बिहार में 12 ट्रैफिक शहरों में बंद होगा मैनुअल चालान, ऑटोमेटिक कटेंगे
EXPLAINER: लगातार मिल रही शिकायतों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए ट्रैफिक एसपी पटना ने ग्रिवांस सेल का गठन किया है, जिसके नंबर 9431820414 और इ-मेल आइडी पर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. इस मौके पर नगर आयुक्त अनिमेष पराशर, अपर नगर आयुक्त शीला इरानी और पटना ट्रैफिक एसपी पूरन कुमार झा भी मौजूद रहे.
पटना. आने वाले कुछ महीनों में सूबे के 12 ट्रैफिक शहरों में अगस्त माह से वाहनों का मैनुअल चालान कटना बंद हो जायेगा. इन शहरों में इलेक्ट्रॉनिक या ऑटोमेटिक चालान ही कटेंगे. फिलहाल पटना और मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में इ-चालान की व्यवस्था लागू हो चुकी है, जबकि बिहारशरीफ में ट्रायल चल रहा है. इनके साथ ही भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया, कटिहार, सारण, भोजपुर, बेगूसराय और मुंगेर में स्मार्ट पीओएस से 100 फीसदी ऑटोमेटेड चालान काटने की व्यवस्था की जा रही है. इसमें वाहन चालक को जुर्माना रसीद की जगह ऑटो जेनरेटेड चालान दिया जायेगा, जिस पर संबंधित ट्रैफिक नियम के उल्लंघन की तस्वीर भी दर्ज होगी. यह चालान वाहन मालिक ऑनलाइन भी देख सकेंगे. मंगलवार को पटना स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बिहार पुलिस के ट्रैफिक एडीजी सुधांशु कुमार ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 12 ट्रैफिक शहरों में ऑटोमेटिक चालान अगले महीने से शुरू हो जाने की उम्मीद है. वर्तमान में इन जिलों के पास 479 स्मार्ट पीओएस उपलब्ध है, जबकि 700 स्मार्ट पीओएस और चाहिए जो इस महीने के अंत तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे.
पटना में 97 फीसदी फाइन हेलमेट नहीं लगाने वालों पर
एडीजी ट्रैफिक ने बताया कि मुजफ्फरपुर और पटना में मार्च-अप्रैल माह से इलेक्ट्रॉनिक (इ) चालान काटे जाने की शुरुआत हो चुकी है. इन शहरों में लगाये गये एएनपीआर, पीटीजेड और बुलेट कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का इ-चालान काट कर वाहन मालिक के मोबाइल पर भेजा जा रहा है. पटना में करीब 2.64 लाख उल्लंघन मामलों में 4.06 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है. इनमें 97 फीसदी यानि 3.74 करोड़ रुपये जुर्माना दोपहिया चालक या उनके सह चालक के द्वारा हेलमेट नहीं लगाये जाने से संबंधित था. इसके अलावा ट्रैफिक सिग्नल के उल्लंघन पर 12.40 लाख, ओवर स्पीडिंग के लिए 2.18 लाख, ट्रिपल राइडिंग के लिए 8.70 लाख और रांग साइंड ड्राइविंग के लिए 8.15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मुजफ्फरपुर में भी अब तक 1.50 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना किया गया है.
जितनी बार कैमरे की जद से गुजरेंगे, कटेगा इ-चालान
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले राजधानी पटना में लगे कैमरों की जद से बच नहीं सकेंगे. जितनी बार इन कैमरे की जद से होकर गुजरेंगे, उतनी बार उनका इ-चालान कट सकता है. बिहार पुलिस के एडीजी ट्रैफिक सुधांशु कुमार ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि एमवी एक्ट में एक बार इ-चालान कटने पर दोबारा इ-चालान काटे जाने से छूट दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है. पत्रकारों को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से इ-चालान प्रक्रिया की जानकारी देने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए एडीजी ने इ-चालान को लेकर फैली कई भ्रांतियों को स्पष्ट किया. लगातार मिल रही शिकायतों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए ट्रैफिक एसपी पटना ने ग्रिवांस सेल का गठन किया है, जिसके नंबर 9431820414 और इ-मेल आइडी पर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. इस मौके पर नगर आयुक्त अनिमेष पराशर, अपर नगर आयुक्त शीला इरानी और पटना ट्रैफिक एसपी पूरन कुमार झा भी मौजूद रहे.
खतरनाक ड्राइविंग करने वालों पर दर्ज होगा केस
एडीजी ट्रैफिक ने बताया कि इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर को 402 किमी लंबे ओएफसी नेटवर्क और बड़ी संख्या में एएनपीआर, बुलेट व पीटीजेड कैमरों से जोड़ा गया है. इस सारे कैमरे के माध्यम से स्वतः ही उलंघन करने वालो की तस्वीर सिस्टम में सेव हो जाती है, जिसका चालान भेजने से पहले दो स्तर पर वेरिफिकेशन किया जाता है. इ-एविडेंस की मदद से अब खतरनाक ड्राइविंग करने वालों पर केस दर्ज कराया जायेगा.
90 दिन के अंदर जमा करें जुर्माना, वर्ना फंसेंगे
एडीजी ने बताया कि जुर्माना जमा करने के लिए 90 दिन के समय सीमा की बाध्यता है. इस बीच दो बार नोटिस जारी की जाती है. अगर नहीं करते हैं तो उनको सूची रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी यानि डीटीओ को चली जायेगी. इसके बाद संबंधित वाहन के ट्रांसफर, सेल, परमिट आदि में परेशानी हो सकती है.
50 जगहों पर लगे इमरजेंसी कॉल बॉक्स
नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने बताया कि पटना में विभिन्न स्थानों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाये गये हैं. इस इमरजेंसी कॉल बॉक्स में मौजूद हेल्प बटन को दबा कर किसी भी आकस्मिक स्थिति में व्यक्ति सहायता मांग सकता है. सहायता मांग रहा व्यक्ति सीधा इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में बैठे पुलिसकर्मी से अपनी समस्या बतायेगा. उसके बाद नजदीकी पुलिस स्टेशन या 112 को उसकी सहायता का निर्देश दिया जायेगा.
शिकायतों पर एडीजी ट्रैफिक ने दिया यह जवाब
प्रश्न : चार पहिया वाहन के हेलमेट का चालान कट गया ?
जवाब : फोटोग्राफिक एविडेंस के साथ इ-चालान भेजा जाता है. इसकी कोई गुंजाइश नहीं हो सकती.
प्रश्न : गैराज में बंद गाड़ी का चालान कट गया ?
जवाब : चालान जनरेट कर उसे भेजने में थोड़ा समय लगता है. संभावना है कि जिस दिन गाड़ी ने नियम का उल्लंघन किया, चालान उसके बाद की तारीख में इश्यू हुआ हो.
प्रश्न : एक ही वाहन का एक दिन में चार बार चालान कट गया ?
जवाब : नियम का उल्लंघन करने वाले वाहन का एक से अधिक बार अलग-अलग कैमरों के सामने आने पर ऐसा हो सकता है. एमवी एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि अगर किसी वाहन का एक बार चालान कट गया तो उसको 24 घंटे या किसी निश्चित समय के लिए इम्यूनिटी मिल गयी ! ऐसे में एक से अधिक बार चालान कटने की घटनाएं हो सकती है.
प्रश्न : गाड़ी किसी की, पर चालान किसी दूसरे को मिला ?
जवाब : इसकी दो प्रमुख वजहें हो सकती हैं. पहला गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 2009 से पहले का हो. इसके पहले के रजिस्ट्रेशन सारथी एप पर अपलोड नहीं हैं, जिससे चालान में समस्या हो रही है. दूसरा जानबूझ कर गलत नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा हो. ऐसे मामलों की लिस्ट तैयार कर अलग से एसएसपी को कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है.
प्रश्न : नंबर प्लेट पर पुलिस लिखी या नगर निगम की बिना नंबर गाड़ियों पर कार्रवाई क्यों नहीं ?
जवाब : ऐसी गाड़ियों पर दो तरह के मामले बनेंगे. पहला नंबर प्लेट वाइलेशन का, दूसरा रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होने का आपराधिक मामला. दोनों मामलों में कार्रवाई होगी.
प्रश्न : सार्वजनिक वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं ?
जवाब : सड़क सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक हत्या से तीन गुणा अधिक मौत दुर्घटनाओं से हो रही हैं. उनमें भी हेलमेट नहीं होने की वजह से होने वाली मौतों की संख्या अधिक है. इसलिए लोगों के जीवन की चिंता करते हुए फिलहाल निजी वाहनों पर ही फोकस किया जा रहा है.
फिलहाल इन पांच उल्लंघन पर कट रहे चालान
बिना हेलमेट, रेड लाइट क्रासिंग, गति सीमा उल्लंघन, रांग वे और ट्रिपल राइडिंग
इन कैमरों से कट रहा चालान :
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अडाप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम : 30 जगह
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रेड लाइट उल्लंघन कैमरा डिटेक्शन कैमरा : 30 जगह
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ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरा : 29 जगह
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गति सीमा उल्लंघन पहचान कैमरा : 12 जगह
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पब्लिक एड्रेस सिस्टम : 50 जगह
पटना में 15 दिनों में कटा ढाई करोड़ का चालान
दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों के बाद अब पटना में भी 360 डिग्री रोटेशन वाले कैमरे ट्रैफिक कंट्रोल के लिए लगाए गए हैं. इसके बाद पटना में अब तक करोड़ों का चालान कट चुका है. लोगों को यह समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर किस नियम के उल्लंघन से उनका चालान काटा जा रहा है? साथ ही यह कैमरे पटना के किस-किस मार्ग पर लगाए गए हैं? यह पूरा प्रोसेस काम कैसे करता है?
बिहटा से फतुआ के बीच लगाया गए 21 सौ कैमरे
आईसीसीसी कार्यालय के अंदर बने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में 3 शिफ्ट में 24 घंटे काम चलता रहता है. इसी साल के अप्रैल महीने में स्मार्ट सिटी के तहत लगे इन कैमरों का ट्रायल शुरू हुआ था. सब सही होने पर मई महीने से इसे शुरू कर दिया गया. इसके बाद से धीरे-धीरे ई चालान की घंटी लोगों के फोन पर आने लगी, लेकिन जुलाई महीने में इस घंटी की शोर बढ़ने लगी. बीते 15 दिन में इस सिस्टम द्वारा पटना में लगभग ढाई करोड़ का चालान लोगों का कट चुका है. पटना स्मार्ट सिटी परियोजना लिमिटेड के तहत तीन हजार तीन सौ से अधिक कैमरे पूरे पटना जिले में लगाए जाने हैं. इसमें से लगभग 21 सौ कैमरे बिहटा से फतुआ के बीच लगाया गए हैं. पूरे पटना में लगे इन कैमरों से केवल चालान नहीं काटा जाता है बल्कि इस सिस्टम के तहत पटना और पटना वासियों को सेफ और सिक्योर एटमॉस्फेयर प्रोवाइड दिया जा रहा है.
सर्विलांस पर शहर
पटना स्मार्ट सिटी परियोजना लिमिटेड के तहत इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) में तीन शिफ्टों में पूरे पटना में ट्राफिक नियमों के उल्लंघन का सर्विलांस तो होता है. साथ ही इन कैमरों की मदद से आपराधिक घटनाओं पर भी नजर रखी जाती है. पटना के मुख्य मार्गों के साथ-साथ चौक–चौराहों और सर्विस लेन पर भी कैमरे लगाए गए हैं. आईसीसीसी के कंट्रोल रूम को दो हिस्सों में बांटा गया है. एक और जहां पटना की सुरक्षा व्यवस्था का सर्विलांस किया जाता है. वहीं दूसरे हिस्से में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का सर्विलांस किया जाता है. जिस हिस्से में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का सर्विलांस किया जाता है.
रेड बॉक्स से मिलेगी मदद
इसके साथ ही विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पटना स्मार्टसिटी लिमिटेड ने पटना के सभी मुख्य मार्गों पर लगे पोल पर रेड बॉक्स बनाया है. इसका उपयोग पटना वासी समस्या की घड़ी में कर सकते हैं. वह इस बॉक्स की मदद से परेशानी के वक्त सीधे आईसीसीसी के कमांड रूम में बैठे पुलिस से उनकी बात होगी. इसके साथ ही बॉक्स के अंदर के बटन को दबाते ही आपका लोकेशन पुलिस तक चला जायेगा. फिर आपके नजदीक के पुलिस स्टेशन को आपकी जानकारी दे दी जाएगी.