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कई विभागों ने नहीं दिया कोरोना काल में खर्च हुए 85 हजार करोड़ का हिसाब, बिहार में तीन हजार करोड़ का एसी-डीसी बिल भी फंसा

राज्य में कोरोना काल में कई विभागों ने विभिन्न योजनाओं समेत अन्य कार्यों में बड़ी मात्रा में रुपये खर्च किये हैं, परंतु इसमें कई विभागों ने अब तक 85 हजार करोड़ से ज्यादा के खर्च का कोई हिसाब ही नहीं दिया है.

कौशिक रंजन, पटना. राज्य में कोरोना काल में कई विभागों ने विभिन्न योजनाओं समेत अन्य कार्यों में बड़ी मात्रा में रुपये खर्च किये हैं, परंतु इसमें कई विभागों ने अब तक 85 हजार करोड़ से ज्यादा के खर्च का कोई हिसाब ही नहीं दिया है.

उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) नहीं जमा करने वाले विभागों की संख्या करीब नौ है, परंतु सबसे ज्यादा 25 हजार करोड़ से अधिक का बकाया पंचायती राज विभाग के पास है.

इसके अलावा पीएचइडी, शिक्षा, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा-अतिपिछड़ा कल्याण विभाग, एससी-एसटी कल्याण विभाग, स्वास्थ्य, सहकारिता व ऊर्जा समेत अन्य विभागों में भी बड़ी संख्या में यूसी बकाया है.

इसे लेकर वित्त विभाग ने सभी संबंधित विभागों को सख्त निर्देश दिया है कि मार्च तक यानी चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के समाप्त होने के पहले तक हर हाल में बकाया यूसी को क्लियर कर दें. वित्त विभाग ने यूसी क्लियर करने को लेकर हाल में करीब 25 विभागों के साथ अलग से बैठक भी की है.

इस दौरान बकाया यूसी की समीक्षा करने के साथ ही इन्हें समय पर जमा करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गयी है. यूसी जमा करने के लिए विभागों के साथ लगातार बैठकें चल रही हैं. इनमें महालेखाकार कार्यालय के अधिकारी भी शिरकत कर रहे हैं.

खर्चों का समुचित विवरण नहीं नहींसंख्या करीब नौ

विभागों ने कोरोना काल में कई मदों में रुपये खर्च किये हैं, लेकिन अब तक इन खर्चों का समुचित विवरण नहीं दिया गया है. इससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि ये रुपये किन-किन मद में कब-कब खर्च हुए हैं, इसका पूरा ब्योरा वित्त विभाग को नहीं सौंपा गया है. इससे खर्च की वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी है.

तीन हजार करोड़ का एसी-डीसी बिल भी फंसा

यूसी की बड़ी राशि के अलावा तीन हजार करोड़ का एसी-डीसी बिल भी विभागों में फंसा हुआ है. इसमें आधा से ज्यादा राशि शिक्षा विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की है. इन दोनों विभागों ने बड़ी संख्या में एसी बिल के आधार पर खजाने से निकाले गये रुपये का हिसाब डीसी बिल के माध्यम से जमा नहीं किया है.

इसे लेकर भी वित्त विभाग ने सभी संबंधित विभागों को मार्च तक बकाया एसी-डीसी बिल का हिसाब देने के लिए कहा है. इस बिल को समाप्त करने के लिए संबंधित विभाग के स्तर से भी पहल की जा रही है, ताकि निर्धारित समय पर इसे पूरा किया जा सके.

Posted by Ashish Jha

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