पटना. राज्य के कई जिलों ने मनरेगा योजना के तहत किये जाने वाले काम में नियमों की अनदेखी की है. आवंटित बजट में सामग्री मद के अनुपात से अधिक की धनराशि खर्च कर दी गयी है.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने समीक्षा ये चूक पकड़ी है. इस मामले की जांच के लिए डीएम को टीम बनाकर जांच रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं. ऐसे प्रखंडों में सामग्री मद की राशि के भुगतान पर तत्काल रोक लगायी गयी है.
मनरेगा योजनाओं में मजदूरी और सामग्री का अनुपात 60: 40 निर्धारित है. यानी यदि 100 रुपये जारी होते हैं, तो 60 रुपये मजदूरी पर खर्च होंगे और 40 रुपये योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सामान आदि पर खर्च किये जायेंगे.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि समीक्षा में पाया गया है कि कुछ प्रखंडों में एवं जिला स्तर पर कुछ जिलों में यह अनुपात बरकरार न रखकर सामग्री मद में 40 प्रतिशत से अधिक राशि व्यय किया गया है.
ऐसे जिलों के जिला पदाधिकारियों को टीम बनाकर जांच कराकर प्रतिवेदन विभाग के भेजने के निर्देश दिये गये हैं. प्रखंडों में सामग्री मद की राशि के भुगतान पर तत्काल रोक लगायी गयी है.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण में लोगों को काम की कमी न पड़े इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये- नये अवसर पैदा किये जा रहे हैं. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाये रखने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने मनरेगा योजना में प्रयुक्त होने वाली सामग्री और प्रशासनिक मद में 1900 करोड़ (19 अरब रुपये) की धनराशि दी है. इससे सामग्री मद के लंबित राशि का भुगतान किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha