बिहार में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. पटना हाइकोर्ट के तीन जज और उनके परिवार के सदस्य समेत हाइकोर्ट के कई कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. इस बात की जानकारी मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने कोरोना से बचाव को लेकर दायर किये गये लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही. उन्होंने महाधिवक्ता समेत कोर्ट में उपस्थित अधिवक्ताओं से कहा कि सभी का जीवन बहुत बहुमूल्य है. हम जागरूक होकर ही अपना तथा अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा की सुप्रीम कोर्ट समेत कई राज्यों के हाइकोर्ट में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई शुरू कर दी गयी है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार से हाइकोर्ट में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुकदमों की सुनवाई वर्चुअल मोड़ में करने का निर्णय ले शाम तक ले लिया जायेगा. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संजीव कुमार शर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के लिये कोरोना वायरस से बचाव के लिये दायर की गई लोकहित याचिका की सूचीबद्ध करने का नोटिस निकाला गया था .
इस मामले पर आंशिक सुनवाई भी हुई . सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ललित किशोर कोर्ट में उपस्थित थे. कोर्ट को महाधिवक्ता ने कहा कि इस मामले को सुनवाई के लिए सात जनवरी को रखा गया है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले को आज इस लिये सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया क्योंकि देश के साथ साथ बिहार में भी कोरोना और ओमक्रिोन के मामले बढ़ रहे हैं. कोर्ट चाहता है कि सरकार पांच जनवरी को खंडपीठ के समक्ष यह जानकारी दे कि इस महामारी से बचायी के लिए सरकार ने क्या तैयारी की है. उसके पास क्या क्या इंफ्रास्ट्रक्चर है, इसकी जानकारी कोर्ट को पांच जनवरी को दी जाये.
मालूम हो कि इसके पूर्व में भी कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में मुहैया करायी गयी सुविधाओं के संबंध में ब्योरा देने को कहा था. खासकर कोर्ट ने साउथ अफ्रीका से फैले कोविड के नये वैरियंट ओमक्रिोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में सूचित करने को कहा था. एम्स के अधिवक्ता बिनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने इसके पूर्व भी राज्य सरकार से राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन व एंबुलेंस आदि के संबंध में ब्योरा देने को कहा था. इस मामले पर पर फिर पांच जनवरी को सुनवाई की जायेगी.