पटना. फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार दानिश के ‘ गजवा-ए-हिंद ‘ अभियान को लेकर सुरक्षा और जांच एजेंसियां काफी गंभीर हैं. इस षड्यंत्र का खुलासा होने के बाद दूसरे राज्यों में भी इसके लिंक की तलाश हो रही है. मामले को लेकर उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के एटीएस (आतंक निरोधी दस्ते) की बिहार पुलिस के साथ बैठक के बाद उनके बीच आपस में इससे जुड़े इनपुट को शेयर करने पर सहमति बनी है. इन राज्यों की एटीएस अपने-अपने राज्य से पीएफआइ व गजवा-ए-हिंद से जुड़े संदिग्धों का इनपुट बिहार पुलिस को मुहैया करायेंगी. इसके लिए षड्यंत्रकारियों से मिले इलेक्ट्रॉनिक प्रमाण को भी शेयर किया गया है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बैठक में बिहार पुलिस ने चार-पांच राज्यों की एटीएस से गजवा-ए-हिंद ग्रुप से जुड़े संदिग्धों के चैट और वाट्सएप नंबरों की जानकारी शेयर की है. ग्रुप से यूपी, राजस्थान, केरल व कर्नाटक आदि राज्यों के एक दर्जन से अधिक संदिग्ध जुड़ेथे, जिनकी तलाश की जा रही है. लखनऊ से पकड़े गये पीएफआइ के सदस्य नुरुद्दीन जंगी से जुड़ी जानकारी यूपी एटीएस, जबकि गजवा-ए-हिंद के सदस्य रहे दानिश के जयपुर कनेक्शन को लेकर उससे संबंधित जानकारी राजस्थान पुलिस से मांगी जा रही है. केरल और कर्नाटक में भी पीएफआइ के प्रशिक्षकों की हिस्ट्री तलाश की जा रही है.
वहीं, पटना के एसएसपी एमएस ढिल्लो द्वारा गजवा-ए-हिंद और पीएफआइ मामले की जांच एटीएस से कराने के प्रस्ताव पर भेज दिया गया है. उम्मीद जतायी जा रही है कि एक-दो दिन में एटीएस को जांच मिल सकती है. एटीएस अधिकारियों के अनुसार एसएसपी के पत्र पर अंतिम निर्णय पुलिस मुख्यालय को लेना है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि अभी पटना पुलिस ही इसकी जांच कर रही है.
फुलवारीशरीफ थाने में पीएफआइ से जुड़े 26 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. लेकिन, नामजद अभियुक्तों में से चार मो जलालुद्दीन, अरमान, अतहर परवेज व नुरूदीन की ही गिरफ्तारी हो पायी है. जबकि, अन्य 22 अभियुक्त भूमिगत हो चुके हैं. ये फरार आरोपित पटना के साथ ही सारण, मुजफ्फरपुर, कटिहार, दरभंगा, सारण आदिजिलों के हैं. इन सभी को पकड़ने के लिए पटना पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है. सूत्रों का कहना है कि इन नामजद अभियुक्तों के करीबियों को भी पुलिस उठा रही है.