मुजफ्फरपुर. वाल्मीकिनगर बराज से छोड़े गये पानी से गंडक के तटवर्ती क्षेत्र में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज, संग्रामपुर व केसरिया के कई इलाकों में पानी फैलने लगा है. डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने पांच अंचलों के अधिकारियों को अलर्ट किया है. गोविंदगंज के नवादा व जितवारपुर के लगभग आधा दर्जन गांवों के घरों में पानी घुसने लगा है. लोग बच्चों व मवेशियों के साथ बांध पर शरण लेने लगे हैं. वहीं कुछ लोग पलायन की तैयारी में जुटे हैं.
नवादा पंचायत के हरिजन टोला, गोला टोला, बनिया पट्टी, अहीर टोला, ढरवा टोला व पीपरा पंचायत के मलाही टोला सहित कई टोले बाढ़ के पानी से घिरने लगे हैं. नवादा ढाला से गोविंदगंज मेले की तरफ जानेवाली व मौजे टोला में सड़कों पर एक फुट पानी बह रहा है. नवादा पंचायत के दर्जनों घर पानी से घिर गये हैं. सीओ पवन कुमार झा ने शनिवार को बाढ़ग्रस्त गांवों का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि नदी में पानी लगातार बढ़ रहा है. हालांकि, स्थिति नियंत्रण में है. नाविकों को अलर्ट मोड में रहने व कर्मियों को नदी के जल स्तर पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.
बगहा और ठकराहा प्रखंड के कई गांवों में अचानक आयी बाढ़ से सड़कें जलमग्न हो गयी हैं. कई गांवों का संपर्क हाट बाजारों से भंग हो गया है. लोग अपने मवेशियों के साथ ऊंचे स्थान पर शरण लिये हुए हैं. नेपाल में हो रही बारिश को देखते हुए गंडक बराज के जल स्तर के बढ़ने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है.
वाल्मीकिनगर बराज द्वारा पानी छोड़े जाने से गंडक नदी के जल स्तर में बेतहाशा वृद्धि से दियारा क्षेत्रों में पानी घुस गया है. इलाके में तैयार हजारों एकड़ धान की फसल पानी में डूब चुकी है. किसानों में अफरातफरी मच गयी है. दियारा क्षेत्र के भगवानपुर विश्वंमरपुर, शिवराजपुर छरकी, जरलहिया, पासवान टोली, दमका टोला, बीन टोली, मंगलपुर कला, सहित दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
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बैरिया में गंडक नदी का जल स्तर बढ़ने से घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. घोड़हिया तटबंध के समीप नदी का कटाव भी बढ़ गया है. ग्रामीण सहमे हुए हैं. पानी का स्तर लगातार बढ़ने से ग्रामीण ऊंचे स्थान तथा तटबंध का सहारा ले रहे हैं. सीओ हेमेंद्र कुमार ने बताया कि हल्का कर्मचारी तथा आरओ को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में भेजा गया है.
गोपालगंज में गंडक नदी का जल स्तर शनिवार की सुबह से तेजी से बढ़ता रहा था. शाम होते-होते नदी खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर पहुंच गयी. तटबंधों पर भारी दबाव के कारण निचले इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. सिधवलिया प्रखंड के टंडसपुर तटबंध पर बने स्टर्ड क्षतिग्रस्त हो गया. बांध पर नदी का सीधा अटैक बन गया है. उधर, नेपाल में बारिश थमने के साथ ही गंडक नदी का डिस्चार्ज 4.45 लाख क्यूसेक से घटकर 2.42 लाख पर पहुंच गया.
डीएम डॉ नवल किशोर चौधर ने बताया कि तटबंधों पर दबाव बना है, लेकिन खतरे की बात नहीं है. वाल्मीकिनगर बराज से चार लाख 45 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किये जाने के बाद गोपालगंज के पतहरा छरकी पर दबाव बढ़ गया है. सदर प्रखंड के मशानथाना गांव के पास पतहरा छरकी पर गंडक नदी के दबाव से दो बेडवार क्षतिग्रस्त हो गये.