मुजफ्फपुर में राखियों से सजा बाजार, खूब बिक रही आरती थाली राखी
राखी के नजदीक आते ही बाजार की रौनक काफी बढ़ गयी है. इसे देखते हुए व्यापारियों में खास उत्साह देखने को मिल रहा है. गरीबनाथ मंदिर रोड के होलसेल मंडी में रौनक दिख रही है. इसके साथ ही खरीदारों का भी तांता दुकानों में लगा हुआ है.
रक्षाबंधन का त्योहार आने में करीब एक सप्ताह बचे हैं, लेकिन शहर में राखियों का बाजार सज गया है. शहर के गरीबनाथ मंदिर रोड के होलसेल मंडी में आसपास के जिलों के कारोबारी जम कर खरीदारी कर रहे हैं. इस बार बाजार में फैशनेबल राखियों की दर्जनों वेरायटी है. रंग-बिरंगे धागे वाले राखी ग्राहकों सहित दुकानदारों की भी पसंद बन रहे हैं. इस बार बाजार में आरती थाली राखी आया है, जिसमें दीप जलने लायक नक्काशीदार दीया में राखी, रोड़ी और अक्षत की पैकिंग की गयी है. महिलाओं के बीच इस राखी का जबर्दस्त क्रेज है. इसके अलावा नग वाले राखी की भी अच्छी डिमांड है. हालाांकि रेशम की डोरी का क्रेज पहले की तरह बरकरार है. बाहर भेजने के लिए महिलाएं रेशम की डोरी की खरीदारी कर रही हैं. गरीबनाथ रोड स्थित राखी के होलसेलर इम्तियाज ने कहा कि रेशम की डोरी के साथ नक्काशीदार राखी की डिमांड अच्छी है. वे दिल्ली, कोलकाता और मुंबई से राखियां मंगा कर बेच रहे हैं.
हर साल बढ़ रहा राखी का कारोबार
राखी का कारोबार कोरोना काल की अपेक्षा इस बार काफी बढ़ा हुआ है. बहनें अपने भाइयों के लिए जमकर राखी की खरीदारी कर रही हैं. रेशम की डोरी के अलावा रेशम के धागे में बैंगल, स्टोन, रुद्राक्ष, चंदल और कुंदन लगे राखी की मांग भी अच्छी है. इसके अलावा लुंबा राखी, पहले की तरह कार्ड पैकिंग राखी, नग वाली राखी, स्पेशल राखी, बच्चों के लिए टेडीबियर राखी ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं. राखी के खुदरा विक्रेता सुजीत कुमार ने कहा कि पहले की अपेक्षा अब राखियाें का आकार छोटा है. इस बार आरती थाली राखी के साथ नक्काशी वाली राखियां और रेशमी की डोरी की डिमांड पहले से काफी बढ़ी हुई है. इस बार का बाजार काफी अच्छा होने की उम्मीद है.
बाजार में आया सोने-चांदी की राखी
बाजार में सोने-चांदी की राखियां भी आ गयी हैं. हल्के वजन वाले सोने और चांदी की राखी सर्राफा दुकानों में उपलब्ध हैं. ज्वेलरी विक्रेता संजय कुमार ने कहा कि वैसे तो हर साल सोने और चांदी के राखी की बिक्री होती है, लेकिन इस बार हल्के वजन में सोने और चांदी की राखियां बनवायी गयी है. यह बहनों की ओर से भाइयों को एक तरह का गिफ्ट होता है. कई परिवार में ऐसे राखियों की खरीदारी की जाती है. साेने की अपेक्षा चांदी की राखियां अधिक बिकती हैं.