Loading election data...

मिथिलांचल और नेपाल में विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं की जाती शादियां, माना जाता अशुभ, जानें इसका रहस्य

Vivah Panchami 2022: सीता माता के दुखद वैवाहिक जीवन को देखते हुए मिथिलांचल में इस दिन विवाह निषेध होते हैं. मिथिलावासी सीता के के दुख और कष्टों को लेकर अतिरिक्त रूप से संवेदनशील है. मिथिला के लोगों का कहना है कि 14 वर्ष वनवास के बाद भी गर्भवती सीता का राम ने परित्याग कर दिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2022 1:31 PM

Vivah Panchami 2022: 28 नवंबर यानी आज विवाह पंचमी है. इस दिन का विशेष महत्व है. त्रेतायुग में आज के ही दिन माता सीता और श्रीराम का विवाह हुआ था. जानकी विवाहोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली इस तिथि को विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है. मिथिलांचल और नेपाल में इस दिन विवाह नहीं किये जाते है. सीता माता के दुखद वैवाहिक जीवन को देखते हुए मिथिलांचल में इस दिन विवाह निषेध होते हैं. मिथिलावासी सीता के के दुख और कष्टों को लेकर अतिरिक्त रूप से संवेदनशील है. मिथिला के लोगों का कहना है कि 14 वर्ष वनवास के बाद भी गर्भवती सीता का राम ने परित्याग कर दिया था. जिससे राजकुमारी सीता को महारानी सीता का सुख नहीं मिला. इसीलिए मिथिला के लोग विवाह पंचमी के दिन अपनी बेटियों का विवाह नहीं करते हैं. सीता की तरह ही उनकी बेटी का वैवाहिक जीवन दुखमय न हो इसलिए विवाह पंचमी के दिन शादी नहीं करते है.

मिथिलांचल और नेपाल में विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं की जाती शादियां, माना जाता अशुभ, जानें इसका रहस्य 3
आज होगा श्री राम व माता जानकी का विवाह

आज मिथिलांचल में हर्षोल्लास के साथ विवाह पंचमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है. समस्तीपुर में जानकी जन्मभूमि अंतर्गत रजत द्वार जानकी मंदिर एवं पुनौरा धाम जानकी मंदिर समेत दर्जनों राम-जानकी मंदिर में आज विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इसको लेकर पुनौरा धाम जानकी मंदिर व रजत द्वार जानकी मंदिर को फूल मालाओं एवं रंग-बिरंगी कृत्रिम रौशनियों से सजाया गया है. एक दिन पूर्व रविवार की संध्या को दोनों ही जानकी मंदिर में महिला समूहों द्वारा मिथिला रीति-रिवाज के अनुसार मटकोर पूजा की रश्म निभायी गयी. पुनौरा धाम मंदिर के कार्यकर्ता श्रवण कुमार के अनुसार मंदिर परिसर स्थित सीता कुंड के समीप से मिट्टी खोदकर लाया गया. उसके बाद मटकोर पूजा की सभी रश्मों को पूरा किया गया.

मिथिलांचल और नेपाल में विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं की जाती शादियां, माना जाता अशुभ, जानें इसका रहस्य 4
जानकी मंदिर में मिथिला पद्धति से हुई मटकोर पूजा

इस दौरान मटकोर एवं विवाह गीतों से जानकी मंदिर का इलाका गूंजायमान रहा. रजत द्वार जानकी मंदिर व पुनौराधाम जानकी मंदिर समेत चकमहिला राम-जानकी मंदिर, भवदेवपुर राम-जानकी मंदिर, पंथापकर राम-जानकी मंदिर समेत जिले के अन्य राम-जानकी मंदिरों में आज श्रीराम और मां सीता की आकर्षक झांकी सजायी जायेगी और साथ मिथिला पद्धति से श्री राम और मां सीता का विवाह संपन्न कराया जायेगा. कलकार मंडली द्वारा संगीतमय विवाह कीर्तन का आयोजन किया गया है. विभिन्न देवी-देवताओं की आकर्षक झांकी सजायी गयी है. इस अवसर पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे है.

Next Article

Exit mobile version