सुहाग की रक्षा, पति की लंबी आयु ,सुख समृद्धि के लिए सुहागिनों ने बुधवार को करवा चौथ का व्रत रखा. बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ सुहागिनों ने इस पर्व को मनाया. कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाये जाने वाले इस पर्व को लेकर महिलाओं में पूरे दिन उत्साह का माहौल रहा.
सुबह से सुहागिन महिलाएं व्रत को लेकर अपनी तैयारी में जुटी हुई थी. पूरे दिन सुहागिनों ने अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखा .संध्याकालीन चांद निकलने के बाद चांद को अर्ध देकर पति को चंदन लगाकर उनकी पूजा अर्चना कर अपना व्रत तोड़ा. पति ने भी अपनी पत्नी का साथ देते हुए अपने हाथों से जल ग्रहण कर पत्नी का व्रत तुड़वाया.
इस पर्व को लेकर हर वर्ष व्रत रखने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है. मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. पति की आयु दीर्घ होती है. करवा चौथ को देश के कुछ भागों में कड़क चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.
यह पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को और ज्यादा मजबूती प्रदान करता है. जिस कारण यह पर्व पति-पत्नी के लिए काफी महत्व रखता है. महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख शांति व पति की लंबी आयु की कामना को लेकर दिनभर पूजा अर्चना में जुटी रही. वहीं शाम के समय बेसब्री से चांद निकलने का इंतजार करती देखी गई लेकिन चांद भी सुहागन महिलाओं से अटखेलियां करते हुए देर संध्या आसमान में दिखें.
जैसे ही चांद का दीदार हुआ सुहागिनों ने चांद को देखने के बाद पति को छलनी से देखा. उन्हें तिलक लगाकर आरती उतार कर उनकी लंबी आयु की कामना की. इसके बाद पूजा अर्चना कर अपना व्रत तोड़ा. जबकि कई महिलाओं के पति घर से दूर रहने के कारण उनके तस्वीर और वीडियो कॉलिंग पर पति का दीदार करते हुए व्रत को पूरा किया.
करवा चौथ व्रत को लेकर पूरे दिन तैयारी होती रही. व्रती महिलाएं जहां सोलह श्रंगार कर तैयार हुईं तो वहीं पकवान भी तरह-तरह के बनाये गये . नये चावल की खीर, तो वहीं दाल भरके पूड़ी भी तैयार की गई. भगवान को भोग लगाने के बाद इसका सभी ने सेवन किया.
शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार चलनी से पति को देखने से पत्नी के व्यवहार व विचार दोनों छन कर शुद्ध हो जाते हैं. करवा चौथ पर बुधवार को भगवान भोलेनाथ से साथ उनके परिवार के सदस्यों कि भी पूजा हुई.
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