आखिर इंतजार की घड़ियां खत्म हुई. काफी मशक्कत के बाद शहीद जवान चंदन का पार्थिव शरीर पांचवे दिन सोमवार की देर शाम उनके पैतृक गांव नारोमोरार पहुंचा. सबसे पहले सेना के विशेष विमान से शहीद का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा जम्मू से गया हवाई अड्डा पहुंचा. शहीद के परिजनों के साथ ही उनके पैतृक गांव नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के नारोमुरार के ग्रामीण पहले से ही वहां पहुंचे हुए थे. गया में सेना के जवानों ने शहीद चंदन के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद सेना के विशेष वाहन से शहीद के पार्थिव शरीर को नवादा लाया गया. नवादा पुलिस लाइन में शहीद के शव को सेना के वाहन से उतारकर उसे नवादा पुलिस के सजे वाहन द्वारा नवादा शहर, ओढ़नपुर, खरांट होते हुए शहीद के पैतृक गांव नारोमुरार पहुंचा. शहीद के पार्थिव शरीर को ले जाने वाले काफिले में नवादा जिले के सभी वरीय प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी शामिल थे.
शहीद चंदन के पार्थिव शरीर को सेना के विशेष वाहन से गया से नवादा लाये जाने के क्रम में आमजनों में देश प्रेम का जुनून देखने को मिला. मार्ग में पड़ने वाले वजीरगंज, मंझवे, हिसुआ आदि स्थानों पर सड़क किनारे लोग नवादा के इस सपूत के अंतिम दर्शन को पहले से हुजूम बनाकर खड़े थे. लोगों की आंखें नम थीं. लोग “चंदन कुमार अमर रहे” के नारे लगा रहे थे. भारत मां के इस शहीद सपूत के हत्यारों को लोग फांसी पर चढ़ाने की मांग कर रहे थे.
नवादा पुलिस लाइन से विशेष वाहन से जब शहीद चंदन के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा था. उस दौरान पूरा-का-पूरा नवादा शहर आमलोगों से पटा था. सद्भावना चौक से लेकर भगत सिंह चौक तक आमलोगों का हुजूम सड़क किनारे दोनों तरफ खड़े होकर न केवल भारत माता के इस शहीद सपूत को नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहे थे, बल्कि वे शहीद चंदन के हत्यारों को फांसी पर चढ़ाने की मांग को लेकर नारेबाजी भी कर रहे थे. इस दौरान ” शहीद चंदन अमर रहे, जब तक सूरज-चांद रहेगा, चंदन तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय एवं वंदे मातरम्..’ के नारे से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा. आमलोगों की देश भक्ति और हमलावरों के प्रति आक्रोश की धधकती ज्वाला के सम्मिश्रण के बीच शहीद चंदन का पार्थिव शरीर ओढ़नपुर व खरांट मोड़ होते हुए शहीद के पैतृक गांव नारोमोरार पहुंचा.
जैसे ही शहीद चंदन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव नारोमोरार पहुंचा, शहीद के परिजन व माता-पिता सहित परिजनों में कोहराम मच गया. उनकी पत्नी का रोते-रोते बुरा हाल था. शहादत को लेकर जहां ग्रामीणों में गर्व का माहौल था, तो वहीं, उनके हमलावरों के प्रति तीव्र आक्रोश भी देखा गया. नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात पूरे सैन्य सम्मान के साथ तिरंगे में लिपटे शहीद चंदन को सलामी दे अंतिम विदाई दी गयी.