सहरसा के शहीद कुंदन पंचतत्व में विलीन, मासूम ने दी मुखाग्नि
भारत व चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में गलवन घाटी के बार्डर पर देश की सीमा की सुरक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए सहरसा के शहीद कुंदन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव आरण पहुंचा. जिसके बाद आज उनका अंतिम संस्कार किया गया.
भारत व चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में गलवन घाटी के बार्डर पर देश की सीमा की सुरक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए सहरसा के शहीद कुंदन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव आरण पहुंचा. जिसके बाद आज उनका अंतिम संस्कार किया गया.
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तिरंगे में लिपटे शहीद को देख नम हुईं सबकी आंखें
तिरंगे में लिपटे अपने वीर शहीद की एक झलक पाने के लिए लोग इंतजार में थे.जैसे ही उनका पार्थिव शरीर आरण गांव पहुंचा, सबों की आंखें नम हो गई.अपने लाल को देख परिवारजनों की आंखें नम थी.लोग अपने वीर की अंतिम झलक पाने के लिए उत्सुक थे.शहीद कुंदन का आज यहीं अंतिम संस्कार किया जाएगा. प्रशासन के तरफ से अंतिम संस्कार की सारी तैयारी की जा रही है.
बीती फरवरी को छुट्टी मनाने आए थे घर
बता दें कि शहीद वीर जवान कुंदन कुमार को आर्मी में वर्ष 2012 में नौकरी मिली थी. उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू में हुई थी. बीती 27 फरवरी को वह घर से छुट्टी मनाने के बाद ड्यूटी पर गये थे. उन्हें भारत-चीन सीमा पर लद्दाख भेजा गया था.