झारखंड: धनबाद का आशीर्वाद टावर है 11 तल्ले का, अग्निशमन विभाग के पास थी तीन मंजिल तक की ही सीढ़ी
झारखंड: धनबाद अग्निशमक विभाग के पास संसाधन की कमी है. धनबाद में बहुमंजिला ईमारतें हैं. लगभग 600 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स व अपार्टमेंट है. अग्निशमक विभाग के पास आज तक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म वाहन नहीं है. छह साल से सिर्फ पत्राचार हो रहा है.
धनबाद के जोड़ाफाटक रोड स्थित आशीर्वाद टावर 11 तल्ला है. अग्निशमन विभाग के पास मात्र तीन मंजिला तक आग बुझाने की व्यवस्था है. चार दिनों में यह दूसरी घटना है. धनबाद अग्निशमक विभाग के पास संसाधन की कमी है. धनबाद में बहुमंजिला ईमारतें हैं. लगभग 600 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स व अपार्टमेंट है. इसके अलावा स्कूल, अस्पताल, सरकारी भवन, कॉलेज, होटल है. आग लगने की स्थिति में न केवल आग बुझाने की बल्कि जान बचाने की भी जिम्मेदारी भी अग्निशमक विभाग की है. अग्निशमक विभाग के पास आज तक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म वाहन नहीं है. छह साल से सिर्फ पत्राचार हो रहा है.
विभाग के पास क्या-क्या होना चाहिए
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हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म वाहन
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पांच फायर टेंडर, एक्सटेंशन सीढ़ी, एक फोम टेंडर
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सभी उपकरणों से लैस रेस्क्यू टेंडर, ग्रेडर मशीन, क्रिटो मशीन
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मैन पावर (25 फायरमैन, आठ प्रधान लीडिंग फायरमैन, जिला अग्निशमक पदाधिकारी, सहायक अग्निशमक पदाधिकारी)
धनबाद अग्निशमन विभा के पास है संसाधन
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तीन बड़ा फायर टैंडर
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35 फीट तक की सीढ़ी
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एक फोम टेंडर, जो खराब है
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एक रेस्क्यू टेंडर, वोल्टर कटर
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मैन पावर (हवलदार व प्रधान लीडिंग फायर मैन सहित 11 जवान, जिला अग्निशमक पदाधिकारी (वर्तमान में रिक्त)
बिल्डिंग का फायर फाइटिंग सिस्टम भी है खराब
बताया जा रहा है कि आग की शुरुआत पंकज अग्रवाल के फ्लैट नंबर 203 से हुई. उनके भाई नीरज अग्रवाल ने बताया कि परदा के पास शॉर्ट हुआ और परदा में आग लग गई. घर के यंत्र से नहीं बुझा तो उन लोगों ने बिल्डिंग के फायर सिस्टम का उपयोग करना चाहा, लेकिन पाइप में पानी नहीं था. अगर होता तो वो लोग आग पर काबू पा लेते. घर के पानी से आग नहीं बुझा पाये. आग लगने के बाद लाइट कट गयी. इस बीच दूसरे और तीसरे तल्ले के लोग आग देख कर भाग गये थे.
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