पटना . सभी निकायों में मेटेरियल रिकवरी फैसेलिटी सेंटर का निर्माण किया जायेगा़ इस सेंटर पर घरों से निकलने वाले वैसे सूखे कचरे का संग्रह होगा, जिसका रिसाइकिल कर नये पदार्थ का निर्माण किया जा सके़ केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन पार्ट टू के तहत सभी निकायों से इस सेंटर को बनाने के लिए डीपीआर की मांग की है, ताकि डीपीआर के बाद सेंटर का निर्माण किया जा सके़
गौरतलब है कि शहरी निकायों में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 का काम पूरा हो चुका है़ अब निकायों को केंद्र सरकार की ओर से जारी होने वाली रैंकिंग का इंतजार है़ वहीं, दूसरी तरफ स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की अवधि भी शुरू हो चुकी है़ वर्ष 2021 के जनवरी से दिसंबर तक के कार्यों का लेखा-जोखा इसमें तैयार किया जायेगा़ फिर वर्ष 2022 के जनवरी से मार्च तक स्वच्छता सर्वेक्षण के परीक्षण होंगे और फिर अप्रैल के बाद रैंकिंग जारी होगी़
केंद्र सरकार आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के एडिशनल मिशन डायरेक्टर नवीन कुमार अग्रवाल ने सभी निकायों को पत्र भेज कर स्वच्छ भारत मिशन के अगले कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी है़ उन्होंने कहा है कि अब स्वच्छता सर्वेक्षण को जन आंदोलन के रूप में शुरू करना होगा क्योंकि निकाय सफाई के लिए चाहे कितना भी कार्य कर लें, लेकिन शहर की सफाई इससे केवल दस फीसदी ही हो सकेगी़ जब तक जन आंदोलन के माध्यम से स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर के आम लोगों को नहीं जोड़ा जायेगा, तब तक शहर की 90 फीसदी सफाई पूरी नहीं हो सकती है़
ऐसे में निकायों में एक चैनल बनाने की जरूरत है. जिसमें नगर निकाय के साथ चिह्नित नागरिक प्रतिनिधि निकाय के साथ मिल कर काम करेंगे़ इसमें बड़े पैमाने पर कचरा उत्पादन करने वालों को भी चिह्नित करने की बात कही गयी है़
स्वच्छता सर्वेक्षण के अगले पायदान में कहा गया है कि सबसे पहले नगर निकाय शहर की दो-तीन जगहों को चिह्नित करें. उन जगहों को मॉडल कॉलोनी के रूप में विकसित किया जायेगा़ मॉडल कॉलोनी गारबेज फ्री होगी़ ओडीएफ प्लस का काम पूरा होगा़ कचरा निष्पादन का पूरा प्रबंध होगा़ एक बार मॉडल कॉलोनी सफल हो जाने पर उसे पूरे शहर में लागू किया जायेगा़ गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से विशाखापत्तनम के जगरन्नाथ राजू नगर, न्यू दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी के ए ब्लॉक, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर आदि का उदाहरण भी दिया गया है़
निकायों को स्वच्छता को बेहतर बनाने के लिए जन भागीदारी मिशन के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप, स्पेशल इंटरेस्ट ग्रुप, पंजीकृत चिह्नित काम्युनिटी बेस्ड संगठन, रेजीडेंट वेलफेयर संगठन, कॉमन इंटरेस्ट ग्रुप, स्लम डेवलपमेंट एसोसिएशन आदि को जोड़ने की बात कही गयी है़ स्वच्छता को लेकर काम करने वाले अन्य संगठन या व्यक्ति को नगर निकायों के साथ जोड़ने की बात कही गयी है़
Posted by Ashish Jha