Bihar News: आधी रात को सदर अस्पताल में पहुंची प्रसूता, डॉक्टर के इंतजार में सुबह होते ही तोड़ दिया दम
Bihar News: गोपालगंज सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी. मौत होने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया.
गोपालगंज सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी. प्रसव वार्ड में शुक्रवार की मौत होने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. मृत महिला शाहजहां खातून बतायी गयी, जो कुचायकोट थाना क्षेत्र के जलालपुर नेचुआ गांव निवासी अमीर अली की पत्नी थी. बीते साल तीन जुलाई 2021 को ही महिला की शादी हुई थी. परिजनों ने बताया कि गुरुवार की रात में दो बजे प्रसूति महिला को लेबर वार्ड में भर्ती कराया गया.
पूरी रात महिला दर्द से कराहती रही
रात में कोई भी डॉक्टर नहीं आया. पूरी रात महिला दर्द से कराहती रही. सुबह होते ही स्वास्थ्यकर्मियों ने इंजेक्शन दिया. इससे मरीज को इन्फेक्शन हुआ और मुंह और नाक से झाग आने लगी. हंगामा करने पर डॉक्टर सुबह में पहुंचे, तब तक जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी. जच्चा-बच्चा की मौत होने के बाद अस्पताल प्रशासन परिजनों को मैनेज करने में जुट गया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर समय पर पहुंच जाते, तो मरीज की जान बचायी जा सकती थी.
अस्पताल प्रशासन का तर्क, गैसपीन में थी मरीज
सदर अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने अपना तर्क दिया. मरीज को समझाते हुए कहा कि गैसपीन में था. अस्पताल प्रबंधक सिद्धार्थ कुमार ने कहा कि मामले की जांच उपाधीक्षक डॉ शशि रंजन प्रसाद खुद कर रहे हैं. मरीज के गैसपीन में होने की बात सामने आयी है.
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ऑन कॉल पर आती हैं महिला डॉक्टर
सदर अस्पताल बिहार का दूसरा मॉडल अस्पताल है. जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां महिला डॉक्टर की तैनाती नहीं है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दिन में डॉक्टर ओपीडी सेवा के साथ लेबर वार्ड देखती हैं, लेकिन रात में महिला डॉक्टर ऑन कॉल पर आती हैं, यानी मरीज आने पर कॉल करके डॉक्टर को बुलाया जाता है. पिछले एक मई से अब तक दो जच्चा-बच्चा की मौत हुई, दोनों बार सीएस, अस्पताल प्रबंधक ने कॉल किया, लेकिन ऑन कॉल पर डॉक्टर नहीं पहुंची, जिससे मरीज की मौत हो गयी.