सम्राट अशोक पर टिप्पणी का मामला, उपेंद्र कुशवाहा की दो टूक- पुरस्कार वापसी तक जारी रहेगा विरोध
सिन्हा का सम्राट अशोक पर किसी भी तरह के आपत्तिजनक लेखन को साहित्य अकादमी पुरस्कार देकर मान्यता देना शर्मनाक है. इस तरह से सिर्फ उनकी सफाई से संतुष्ट होने का सवाल ही नही है
पटना. जदयू संसदीय बोर् के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि जब तक लेखक दया प्रकाश सिन्हा से पद्मश्री और साहित्य अकादमी का पुरस्कार वापस लेने की पहल केंद्र सरकार नही करती, हमारा विरोध जारी रहेगा.
कुशवाहा ने कहा कि दया प्रका सिन्हा ने अपने स्पष्टीकरण में सम्राट अशोक से औरंगजेब से तुलना नहीं करने की बात कही है. सवाल सिर्फ इतना नही है. सिन्हा ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू मे कहा था कि पठनपाठन और सम्राट अशोक पर नाटक लिखने के दौरान अशोक और औरंगजेब के चरित में खासी समानताएं पाते है.
ऐसे मे दया प्रकाश सिन्हा का सम्राट अशोक पर किसी भी तरह के आपत्तिजनक लेखन को साहित्य अकादमी पुरस्कार देकर मान्यता देना शर्मनाक है. इस तरह से सिर्फ उनकी सफाई से संतुष्ट होने का सवाल ही नही है. उनका लेखन देश की अस्मिता पर हमला है और बगैर साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्मश्री पुरस्कार के वापस लिये हम किसी भी कार्रवाई को आइवाश ही मानते है.
उपेद्र कुशवाहा ने कहा कि दया प्रकाश सिन्हा सम्राट अशोक के विश्व मे योगदान पर बुनियादी हमला कर रहे है. उन्होने कहा कि सिन्हा इंटरव्यू मे कहते है कि दोनो ही शासको ने अपनी शुरुआती जिंदगी मे कई पाप किए, फिर उन्हे छिपाने के लिए अति धार्मिकता का सहारा लिया, ताकि उनके पाप पर किसी का ध्यान न जाए.